जम्मू में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर दो ड्रोन (Drone) हमलों के एक दिन बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) में यह मुद्दा उठाया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने कहा कि अगर गंभीरता से नहीं लिया गया तो सैन्य ठिकानों पर Drone का इस्तेमाल भविष्य में एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
Drone के इस्तेमाल पर नियंत्रण होना चाहिए
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि सीमा पार हथियारों की तस्करी के लिए आतंकवादी Drone का इस्तेमाल करते हैं। आंतरिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए Drone को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जिसे अब गंभीरता से लिया जाना चाहिए। अगर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो भविष्य में इस पर काबू पाना मुश्किल होगा।
A special bomb squad team of National Security Guard (NSG) is investigating the nature of the blast at Jammu Air Force Station. RDX or TNT likely used in the blast. Drones were controlled from across the border. Involvement of local handler also being investigated: Sources pic.twitter.com/9RxGsUnzIo
— ANI (@ANI) June 29, 2021
नए हथकंडे खोज रहे हैं आतंकी
गृह मंत्रालय के विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी ने कहा, “आज इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग आतंकवाद के प्रचार और कैडरों की भर्ती के लिए किया जा रहा है। इसे अंजाम दिया जा रहा है और Drone तकनीक का इस्तेमाल अब आतंकवादी हमले करने के लिए किया जा रहा है।”
जम्मू में एयरबेस पर हुए आतंकी हमले की जांच NIA को सौंपी
गौरतलब है कि शनिवार रात जम्मू में एयरबेस पर हुए Drone हमले की जांच अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी को सौंप दी गई है। हमले में जम्मू एयरबेस को निशाना बनाया गया। विस्फोटक को ड्रोन से अंदर भेजा गया था। जिससे दो छोटे विस्फोट हुए।
आतंकी एंगल से भी होगी जांच
सुरक्षा एजेंसियां भी आतंकी एंगल से मामले की जांच कर रही हैं। लेकिन घटना के 48 घंटे बाद भी Drone के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिली। अब यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया है। एनआईए जल्द ही इस संबंध में मामला दर्ज कर सकती है। जिसके बाद जांच शुरू की जाएगी। आशंका जताई जा रही है कि Drone हमले के पीछे किसी पाकिस्तानी आतंकी संगठन का हाथ हो सकता है।