कोरोना संक्रमण के खिलाफ दुनिया भर में टीकाकरण अभियान चल रहा है। लेकिन अब कुछ माफिया इसका फायदा उठा रहे हैं। असली के साथ ही नकली टीके भी आ चुके हैं। तो असली वैक्सीन कौन सी है और कौन सी नकली? यह सवाल विशेषज्ञों से लेकर आम जनता तक सभी के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। इतना ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी सभी देशों को नकली टीकों को लेकर आगाह किया है। दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका में एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड के कोविशील्ड जैसे नकली टीकों की पुष्टि की गई है। नतीजतन केंद्र सरकार ने अब राज्यों को सचेत किया है कि असली वैक्सीन (covaxin) (sputnik v) की पहचान कैसे करें।
असली वैक्सीन का पता लगाने के लिए कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन की बोतल पर निम्नलिखित जानकारी देखें…
– सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईएस) के उत्पाद लेबल
– ट्रेडमार्क में ब्रांड (Covishield) नाम होगा
– सामान्य शब्द बोल्ड नहीं हो सकता
– लेबर गहरे हरे रंग की होगी और उस पर एल्युमिनियम क्लिप की सील लगेगी
-सीजीएस बिक्री के लिए गैर-सेल होगा
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कोवैक्सीन
असली वैक्सीन के बारे में निम्नलिखित जानकारी…
– कोवैक्सीन की बोतल पर यूवी हेलिक्स (डीएनए जैसी संरचना) होगी, इस तस्वीर को अल्ट्रा वायलेट लाइट में देखा जा सकता है।
– कोवैक्सीन पर X अक्षर हरे रंग के प्रभाव में दिखाई देगा।
– कोवैक्सीन की स्पेलिंग में भी होलोग्राफिक इफेक्ट देखने को मिलेगा।
स्पुतनिक वी.
रूस से भारत में आयातित स्पुतनिक वी वैक्सीन दो अलग-अलग परियोजनाओं से आयात किया जाता है। इसमें दो अलग-अलग मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के नाम होंगे। इसके अलावा सारी जानकारी वही रहेगी।
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देश भर में कोरोना की दूसरी लहर आने के साथ ही कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा रोजाना करीब 40,000 कोरोना मरीज दर्ज किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कल दिन में 38,948 कोरोना वायरस केस सामने आए। अब तक 219 मरीजों की मौत हो चुकी है। तो 43,903 मरीज कोरोना पर सफलतापूर्वक काबू पा चुके हैं। कोरोना की पहली लहर के बाद से अब तक देश में कुल 3 करोड़ 30 लाख 27 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 4 लाख 40 हजार 752 पीड़ितों की मौत हो चुकी है। यह आश्वस्त करने वाली बात है कि 3 करोड़ 21 लाख 81 हजार मरीज कोरोना से मुक्त हो चुके हैं।