शहद का इस्तेमाल भारत के लगभग हर घर में किया जाता है क्योंकि शहद में कई औषधीय गुण समाए हुए हैं। लेकिन अब अतुल्य अमृत माने जाने वाले शहद में जबरदस्त मिलावट की सामने आ रही है या यूँ कहें कि शहद के रूप में आपको मीठा जहर दिया जा रहा है। चिंताजनक ये भी है कि जिन ब्रांड्स या कंपनियों के शहद में मिलावट पाई गई है वो कोई सड़क किनारे भगोने में शहद बेचने वाले नहीं, बल्कि ग्राहकों को जिन बड़े-बड़े ब्रांड्स पर विश्वास है, यानी नामी गिरामी ब्राडेंड कंपनियां है।
अब मिठास घोलने वाले इसी शहद को लेकर देश की दो दिग्गज एफएमसीजी (FMCG) कंपनियों- डाबर और मैरिको के बीच कड़वाहट पैदा हो गई हैं। हाल ही में सेंटर फार साइंस एंड एनवॉयरामेंट (CSE) द्वारा शहद में जबरदस्त मिलावट पाए जाने का खुलासा किया गया था। जिसके बाद डाबर और मैरिको के बीच विज्ञापन वॉर शुरू हो गया है।
शहद ब्रांड को लेकर डाबर और मैरिको के बीच किए गए दावों पर विवाद इतना बढ़ गया है कि दोनों एक दूसरे के खिलाफ शिकायत को लेकर विज्ञापन नियामक एएससीआई (ASCI) का रुख कर चुकी हैं।
पीटीआई की खबर के मुताबिक, डाबर की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया कि वह अपनी कॉम्पिटीटर मैरिको के उस दावे के खिलाफ भारतीय विज्ञापन मानक परिषद में शिकायत दर्ज करा रही है, जिसमें कहा गया है कि उसका सफोला शहद का ब्रांड एनएमआर टेस्ट पर सफल माना गया है।
कंपनियों का दावा NMR Test में एक-दूसरे के प्रोडक्ट फेल
मैरिको का सफोला शहद एनएमआर (Nuclear magnetic resonance) टेस्ट में खरा नहीं उतर पाया है और उनके द्वारा कंज्यूमर को गुमराह किया जा रहा है।
डाबर का दावा है कि कंपनी, मैरिको के खिलाफ एएससीआई में शिकायत दर्ज करा रही है क्योंकि बाजार से लिए गए उसके सफोला शहद का सैंपल टेस्ट में असफल रहा। टेस्ट रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सफोला शहद में चीनी सिरप की मौजूदगी है।
1 अक्टूबर को मैरिको ने शिकायत दर्ज कराई
डाबर ने दावा किया कि एनएमआर टेस्ट पर उनका दावा कंज्यूमर को भ्रमित कर रहा है। हालांकि, डाबर के इस दावे को मैरिको ने खारिज कर दिया है और कहा है कि सफोला शहद एफएसएसएआई के सभी क्वालिटी स्टैंडर्ड्स पर भी खरा उतरता है। इससे पहले शहद की गुणवत्ता को लेकर मैरिको की ओर से डाबर के एनआरआर दावे पर एएससीआई के सामने 1 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई थी।
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खबर के मुताबिक, मैरिको के एक प्रवक्ता का कहना है कि डाबर द्वारा अपने अपने प्रोडक्ट डाबर हनी को लेकर दावा किया है कि यह एनएमआर टेस्ट के मुताबिक शुद्ध शहद है, इसके खिलाफ मैरिको की ओर से एएससीआई के सामने शिकायत दर्ज कराई गई है। जबकि एनएमआर पर खरा होने का दावा गलत और भ्रामक पाया गया है।
मैरिको ने दी दावे को चुनौती
3 दिसंबर को एएससीआई के सामने मैरिको ने एक और शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने डाबर के इस दावे को चुनौती दी कि उसका शहद जर्मन एनएमआर टेस्ट में पास रहा है। किसी ब्रांड का नाम लिए बिना एएससीआई ने कहा कि उसे पिछले कुछ महीनों में शहद ब्रांडों के खिलाफ चार शिकायतें मिली चुकी है।