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फैक्ट चेक: कोई ट्रेन नहीं रोकी गुई, सपा कार्यकर्ताओं ने खड़े ईंजन के सामने फोटो खिंचवाई

आज दिल्ली और पंजाब के सिंधु बॉर्डर पर नए किसान कानून का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है।
देश के विभिन्न कोनों से भारत बंद को समर्थन भी मिल रहा है। पर आंदोलन के 11वें दिन से राजनीतिक पार्टियों ने किसानों के इस देश व्यापी आंदोलन में अपनी भी रोटियां सेकनी शुरू कर दीं हैं। ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि बीते सोमवार 7 दिसम्बर को समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव ने किसान यात्रा की घोषणा की थी, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उन्हें और उनके समर्थकों को हिरासत भी लिया गया।  सवाल यह है कि सपा सुप्रीमो अभी तक कहां थे? शाम होते-होते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी किसानों के बीच पहुंच कर उन्हें हर मदद का आश्वासन देने पहुंचे।
रात तक सोशल मीडिया पर यह ख़बर वायरल होने लगी कि 8 दिसम्बर को किसानों के भारत बन्द के आह्वान को असफल बनाने के लिए अरविंद  केजरीवाल को भी उनके घर पर नजरबंद करके रखा गया है।और इस तरह समाजवादी पार्टी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी भी मैदान में अपना-अपना झंडा लेकर कूद पड़ी।
खैर, हद तो आज हुई जब समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने किसानों के भारत बंद को साइकिल का रंग देने के लिए लखनऊ के पास स्थित मल्हौर स्टेशन के पास प्रदर्शन कर यह ऐलान करवा दिया कि सपा ने भारत बंद के समर्थन में ट्रेन रुकवा दी है।
दरअसल हुआ ये कि खड़ी ट्रेन के ईंजन के सामने सपा कार्यकर्ता पहुंचे और नारेबाजी करते हुए फोटो-वीडियो बनाई ।उसके बाद सबसे महत्वपूर्ण  कार्य कि उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया। पर सपा कार्यकर्ताओं ने भारत बंद के समर्थन में अति उत्साह में जो भ्रामक खबर फैलायी उसकी पोल अब खुल गयी है।
मल्हौर स्टेशन पर ट्रेन रुके जाने की खबर पर लखनऊ पुलिस कमिश्नर का बयान आ गया है। एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए उन्होंने कहा कि “कोई ट्रेन नहीं रोकी गई, खड़े इंजन के आगे सपा कार्यकर्ताओं ने खड़े होकर सिर्फ फोटो खिंचवाई है।
सिर्फ इंजन के आगे खड़े होकर लेट कर सपा कार्यकर्ता ने फोटो खिंचाई हैं।”
अब इस सबसे तो यही सवाल पूछा जायेगा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को किसान के आंदोलन में लोकतांत्रिक सहभागिता निभाना था या सिर्फ पार्टी को हाइलाइट कर किसानों की मेहनत को भुनाना था। क्योंकि इन वायरल तस्वीर और वीडियो में न तो किसान जिंदाबाद के नारे लगे, न ही किसानों के समर्थन में कोई तख्ती नजर आयी, न स्लोगन।
बस अखिलेश भैया जिंदाबाद और समाजवादी पार्टी जिंदाबाद के ही नारे लगाते हुए ही दिख रहे हैं सभी।

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