राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के अंदरूनी मतभेदों को लेकर इन दिनों बेशक चर्चा हो रही है कि मोदी और योगी के संबंधों में गहरी दरार आ चुकी है। इसके चलते उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में योगी को दरकिनार किये जाने की तैयारी है ,लेकिन सियासी गलियारों की इन चर्चाओं के बीच अंततः भाजपा ने साफ़ संकेत दिये हैं कि यूपी में पार्टी योगी के नेतृत्व में ही चुनावी मैदान में उतरेगी।हालांकि इन संकेतों के साथ ही वरिष्ठ नेताओं के विरोधाभाषी बयान भी सामने आ रहे हैं।
राज्य में सत्ताधारी भाजपा का चुनावी अभियान शुरू होने से पहले बैठकों का दौर जारी है। कल 22 जून का दिन बीजेपी के लिए गहमागहमी भरा रहा। पूरे दिन भाजपा के अंदर हलचल रही। बीजेपी मुख्यालय पर पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह की मौजूदगी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बीजेपी कोर कमेटी की बैठक हुई, जो देर रात तक चली। इस बैठक में मिशन 2022 के रोडमैप को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले साल के चुनाव में पार्टी 300 पार के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतारेगी ।
दरअसल , बीएल संतोष और राधामोहन सिंह फिर से लखनऊ पहुंचे हुए हैं। उनके आने के बाद बीजेपी में हलचल बढ़ गई है। कल कई बैठकें हुई। पहले बीएल संतोष और राधामोहन सिंह ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बातचीत की। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कैबिनेट मंत्रियों और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की मीटिंग में हुई, जिसमें बीएल संतोष और राधामोहन सिंह भी शामिल थे। इसके बाद फिर कोर कमेटी की बैठक देर रात तक चली । इन बैठकों में बीजेपी ने मिशन 2022 को लेकर सियासी मंथन किया।
बताया जा रहा है कि बैठक में शामिल मंत्रियों को चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश दिया गया है। राज्य सरकार की उपलब्धियों के साथ प्रमुखता से लोगों के बीच जाने को कहा गया है। मंत्रियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने विभाग की उपलब्धियों को कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों तक पहुंचाएं। इसके अलावा महामारी के दौरान पैदा हुई विषम परिस्थितियों से सरकार ने कैसे पार पाया, इसे प्रमुखता से मंत्री जनता को बताएं । बैठक खत्म होने के बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 2017 का विधानसभा चुनाव जीता था और अब 2022 की तैयारी है। उन्होंने कहा कि 2022 में 300 पार करेंगे । 2022 में भी बीजेपी की प्रचंड बहुमत की सरकार बनेगी । उन्होंने यह भी कहा कि जिला पंचायत चुनाव में ऐतिहासिक जीत होगी । बता दें कि कल अचानक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के यहां खाने पर पहुंचे थे । योगी के अलावा उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होशबोले और सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल और क्षेत्र प्रचारक अनिल सिंह समेत कुछ और पदाधिकारी भी मौर्य के आवास पर लंच में थे। यूपी की राजनीति में योगी आदित्यनाथ का केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास पर जाना काफी चर्चा का विषय बना ।
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बता दें कि बीते दिनों केशव मौर्य ने बयान दिया था कि यूपी में मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद तय किया जाएगा, जिस पर राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था और पार्टी नेतृत्व के मुद्दे पर बंटी नजर आ रही थी। इस दौरे से योगी ने पार्टी में एकता का संदेश दिया है। माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ का केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास पर जाना यूपी भाजपा तथा प्रदेश में एक जुटता का संदेश देने की कोशिश है।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने कैबिनेट मंत्रियों, राष्ट्रीय पदाधिकारियों और पूर्व प्रदेश अध्यक्षों के साथ हुई बैठक में साफ संकेत दे गए कि मिशन- 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही भाजपा का चेहरा होंगे। ‘सबका साथ-सबका विकास’ ही पार्टी की नीति रहेगी और इसी मंत्र के सहारे पार्टी चुनाव में उतरेगी। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन ने जिस तरह योगी सरकार की तारीफ की और बैठक में सरकार और उसकी विकास योजनाओं को आम लोगों तक ले जाने के लिए भी कहा, इससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी योगी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी।
बीएल संतोष ने की योगी सरकार की तारीफ
बीएल संतोष ने मंत्रियों का आह्वान किया कि सब कुछ सरकार करेगी तो कैसे होगा..? आप लोग भी सक्रिय होकर चुनाव में जुटें और सरकार के काम को जनता के बीच ले जाया जाए। बैठक का लब्बोलुआब यह रहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज को लेकर ही पार्टी चुनाव में उतरेगी। उन्होंने मंत्रियों का आह्वान किया कि चुनाव से पहले कामकाज का पूरा ब्योरा तैयार करें। उन्होंने लोकसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि जब हम चुनाव में उतरते थे तो कहते थे कि मोदी ने इतना काम किया है कि कोई दिक्कत नहीं होगी। कुछ वैसा ही यूपी में हुआ है। हम कानून-व्यवस्था की बात करते थे, कानून व्यवस्था दुरुस्त है। विकास हुआ है और भ्रष्टाचार कम किया गया है। बस मंत्रियों को लोगों के बीच इसे सटीक तरीके से ले जाना है।
सरकार के काम जनता के बीच ले जाएं-योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मिशन-2022 के लिए जरूरी है कि जो काम प्रदेश सरकार ने किए हैं, उन्हें लोगों को बताया जाए। बताएं कि यह कार्य इससे पहले की किसी सरकार ने नहीं किए हैं। पारदर्शिता से युवाओं को नौकरियां दीं। बेसिक शिक्षा का मुद्दा आने पर सीएम ने कहा कि पारदर्शिता से शिक्षकों की मांग के अनुरूप तबादले किए गए हैं। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति से काम किया गया और चार लाख भर्तियां कर युवाओं को नौकरियां दी गईं। ऐसा पहली बार हुआ जब यूपी केंद्र की तमाम योजनाओं में अव्वल रहा है। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति अपनाई गई और कोई समझौता नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि किसी सरकार को भ्रष्टाचार पर समझौता करना भी नहीं चाहिए। हमें इसी नीति के साथ चुनाव मैदान में उतरना होगा। गांवों में हालात सुधारे गए हैं वहां ग्रामीणों के रोजगार के साथ श्रमिकों का ख्याल किया गया है। इन कामों के जरिये पार्टी को जनता तक पहुंचना है।
‘मंत्रिमंडल विस्तार और बदलाव की अटकलें क्यूं नहीं थामीं’
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ हुई बैठक में पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने संगठन को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार की बातें क्यों नहीं रोकी गईं? क्यों नहीं इस अटकल पर विराम लगाया गया कि नेतृत्व बदलाव होगा। कोई डिप्टी सीएम बनेगा, कोई फलां मंत्री बनेगा। इन अटकलों को विराम लगाना चाहिए था। इससे पार्टी को नुकसान हुआ है और आम लोगों में भ्रम की स्थिति फैलती है। एक अन्य पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पंचायत चुनाव आ रहे हैं और उसमें हमें जीत सुनिश्चित करनी होगी। थाने और तहसील को मजबूत करना होगा क्योंकि इससे आम आदमी परेशान होता है।