देश में कोरोना वैक्सीन और दवाइयों की कमी के चलते कई राज्यों ने इसको लेकर ग्लोबल टेंडर जारी किया है। ताकि वह समय पर अपने राज्य के नागरिकों को दवाएं और वैक्सीन उपलब्ध करा सकें। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने कोरोना संक्रमण के ईलाज के लिए पंतजति की कोरोनिल दवा मरीजों को देने का निर्णय लिया गया है।
हरियाणा सरकार पंतजलि से कोरोनिल दवा आधे रेट पर खरीदेगी। लेकिन सवाल अब यह है कि एक तरफ हरियाणा सरकार कोरोनिल किट को फ्री में बांट रही है दूसरी तरफ आईसीएमआर ने अभी तक कोरोनिल किट को मंजूरी नहीं दी।
बाजार में कोरोनिल किट की कीमत 550 रुपए है लेकिन हरियाणा सरकार पंतजलि से यह किट 250 रुपए में खरीदेगी। अगर सरकार आधे रेट में कोरोनिल की किट खरीदती है तो सरकार को 2.75 करोड़ रुपए का भूगतान करना पड़ेगा। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सरकार कोरोनिल की एक लाख किट लोगों को फ्री में मुहैया करवाएंगी।
इस किट का आधा खर्चा पंतजलि उठाएंगा औऱ आधा हरियाणा कोविड राहत कोष वहन करेगा।
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कुल दिन पहले ही हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने वीडियों कान्फ्रेंसिंग के जरिये संजीवनी परियोजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत कोविड़-19 के हल्के से ज्यादा लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही सारी सुविधा दी जाएगी। इससे उन्हें इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इससे अस्पतालों में बोझ कम होगा। कान्फ्रेंस में सीएम ने ब्लैक फंगस को लेकर भी चर्चा की थी।
योग गुरु रामदेव की पंतजलि ने कोरोनिल टैबलेट और श्र्वसारी वटी नामक दो दवाएं बाजार में उतारी है। पंतजलि दावा करता है कि उनकी यह दवा कोविड़-19 की बीमारी से लड़ने में असरदार है। रामदेव का दावा है कि इस दवा के ट्रायल में 280 मरीज़ों ने हिस्सा लिया था और वे पूरी तरह से ठीक हो गए हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि मरीज़ों पर दवा के परीक्षण के लिए ज़रूरी मंजूरी पहले ही ले ली गई थी।
रामदेव ने जैसे ही कोरोना की दवा को लेकर प्रेस कान्फ्रेंस की, सोशल मीडिया पर तुंरत प्रतिक्रियाएं आनी शुरु हो गई। कई यूजर्स ने इसे फायदेमंद बताया और कई लोगों ने इस पर कटाक्ष किए।