एक बार फिर देशभर में कोरोना ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी है। कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है। भयावह स्थिति के चलते कोरोना के बढ़ते असर ने देश में एक बार फिर लॉकडाउन की आशंका पैदा कर दी है। इस वक्त कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देश के 11 राज्य है। इन 11 राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति चिंता का विषय बन गई है। राज्य सरकारें हर संभव प्रयास में जुटी है।
पिछले दो हफ्तों में इन्हीं राज्यों में 90 फीसद कोरोना के मामले और 90.5 फीसद मौतें दर्ज हुई है। 2 अप्रैल, शुक्रवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कोरोना प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए दिशा निर्देश दिए गए तथा स्थिति की समीक्षा की गयी।
लॉकडाउन के एक साल बाद फिर कोरोना की दहशत
देश में कोरोना की स्थिति को लेकर कैबिनेट सचिव के साथ बैठक में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई। इसमें 11 राज्यों- महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और हरियाणा में स्थिति को बेदह चिंताजनक बताया गया। राजेश भूषण द्वारा बताया गया कि मार्च में कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी की दर 6.8 फीसद तक पहुंच गई है, जो पिछले साल के जून में सबसे अधिक वृद्धि दर 5.5 फीसद से भी ज्यादा है।
कोरोना से होने वाली मौतों में भी 5.5 फीसद की बढ़ोतरी देखी गई है। सबसे अधिक नए मामले छोटे और मझोले शहरों में आ रहे हैं, जहां से इनके ग्रामीण इलाकों में फैलने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात पहले से ठीक नहीं है। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में यहां स्थिति बेहद ख़राब हो सकती है। वहीं गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि जिन 11 राज्यों में संक्रमण में तेज बढ़ोतरी देखी गई है, उनमें इस अनुपात में इसे रोकने के उपाय नहीं देखे जा रहे हैं।
बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते फिर लॉकडाउन की ओर विश्व
राज्यों के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशकों, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कैबिनेट सचिव ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए उपायों को सख्ती से लागू करने और सभी पात्र समूहों का 100 फीसद टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा। कैबिनेट सचिव का कहना था कि कोरोना संक्रमण की दर किसी भी स्थिति में पांच फीसद से आगे नहीं जानी चाहिए और इसके लिए राज्यों को पर्याप्त टेस्टिंग की पूरी तैयारी करनी होगी। इसके साथ ही 70 फीसद टेस्टिंग भी आरटी-पीसीआर से सुनिश्चित करना होगा। एंटीजेन टेस्ट में निगेटिव आने वाले सभी कोरोना के लक्षण वाले लोगों का आरटी-पीसीआर टेस्ट करना होगा।
दिल्ली के भीतर कोरोना की सकारात्मकता दर 4.54 प्रतिशत रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना की गति पर चिंता व्यक्त की लेकिन लॉकडाउन से इनकार किया है। वहीं, जेल के कैदियों की ‘मुलाकात’ पर रोक लगा दी गई है। सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में 17 छात्र और स्टाफ सदस्य सकारात्मक पाए गए हैं।
देश में बढ़ रहा कोरोना की दूसरी लहर का कहर
संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए गौबा द्वारा कहा गया कि राज्यों से कंटेनमेंट जोन और माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने जैसे कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही बड़ी संख्या में संक्रमण वाले जिलों में जिला स्तर पर एक्शन प्लान तैयार करने और 24 घंटे चलने वाले इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर बनाने को कहा गया है।
कैबिनेट सचिव ने राज्यों से अस्पताल स्तर पर मामलों की समीक्षा करने को कहा है ताकि कोरोना से लगातार हो रही मौतों पर लगाम लगाई जा सके। ऐसा करने से पता चल सकेगा कि किन हॉस्पिटल्स में मौतें अधिक हो रही है। एंबुलेंस, ऑक्सीजन आपूर्ति और वेंटीलेटर वाले बेड की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है।