कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन को हथियार के रूप में देखा जा रहा है। महामारी से निपटने के लिए विश्व भर के देशों ने कोरोना वैक्सीन विकसित की है लेकिन ये सब केवल इंसानों पर कारगर है। जानवरों के कोरोना संक्रमित होने के बाद अभी तक केवल रूस अमेरिका और हांगकांग में वैक्सीन बनाई गई थी। लेकिन अब भारत में भी जानवरों को कोरोना से बचाने के लिए वैक्सीन तैयार हो गई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए जानवरों के लिए देश का पहला स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च किया है। वैक्सीन को एनोकोवैक्स नाम से उपलब्ध कराया जा रहा है। वैक्सीन को आईसीएआर, नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एक्विनास, हरियाणा द्वारा विकसित किया गया है।
निष्क्रिय सार्स कोव 2 के डेल्टा वेरिएंट का उपयोग वैक्सीन के विकास में किया गया है, लेकिन यह सुझाव दिया गया है कि वैक्सीन जानवरों को कोविड के डेल्टा और ओमीक्रॉन दोनों रूपों से बचा सकती है। टीका कुत्तों, शेरों, लकड़बग्घा, चूहों और खरगोशों के लिए भी सुरक्षित है। लांच के अवसर पर तोमर ने कहा कि वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों से वैक्सीन विकसित की गई है और सफलता अपार है।
देश कोरोना वैक्सीन आयात करने से ज्यादा स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने पर ध्यान दे रहा है। मनुष्यों के लिए कोरोना के टीके भी भारत में विकसित किए गए हैं और उल्लेखनीय रूप से सफल रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जानवरों के लिए वैक्सीन भी सफल होगी और देश के पशुओं को कोरोना से बचाने में मदद करेगी।