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फिर से सर उठाने लगा कोरोना 

देश में कोरोना वायरस के मामलों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। देश में कोरोना वायरस के एक्टिव केस में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इससे कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज हुई है। इससे एक बार फिर से कोरोना से लोगों को डर लगने लगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस के एक्टिव केस फिर से बढ़े हैं। गुरुवार को 24 घंटों में एक बार फिर से कोरोना के सार्वधिक 22,854  नए मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र में कोरोना के मामले नित-प्रीतिदिन तेजी से बढ़ रहे हैं तो वहीं दिल्ली की स्थिति भी भयावह होने लगी है। महाराष्ट्र में तो कोरोना के मामले डराने लगे हैं। कई जिलों में तो लॉकडाउन घोषित कर दिया है। राजधानी में गुरुवार, 11 मार्च को 409 नए केस देखने को मिले। ये करीबन दो महीनों में एक दिन में सबसे अधिक मामले हैं। कोरोना के एक बार फिर बढ़ते कहर ने देश को असमंजस में डाल दिया है कि क्या देश में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है।

देशभर में कोरोना के मामले

महामारी की पहली लहर खत्म होने के बाद से कोरोना मामले में सात दिन का औसत 67 प्रतिशत बढ़ गया है। 11 फरवरी तक, देश में दैनिक कोरोना मामले 11,000 के करीब थे, लेकिन बुधवार को समाप्त सप्ताह में, दैनिक कोरोना मामले 18,371 थे। इस तरह से डेटा के बढ़ने से पता चलता है कि देश में दूसरी लहर शुरू हो गई है।
हालांकि पहले मामले में तेजी मंद गति से हो रही थी। मामलों में बढ़ोत्तरी ऐसे समय में हो रही हैं जब कई आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों में कुछ ढील दी गई है। पश्चिमी देशों में कोरोना वायरस की कई लहरें देखी गईं लेकिन दूसरी लहर, पहली लहर से ज्यादा खतरनाक रही। दूसरी लहर में पहली लहर के मुकाबले दैनिक मामले अधिक आने लगे।
दूसरी ओर, भारत में कोरोना परीक्षण अपने चरम पर कम से कम 40% है। पिछले सप्ताह तक हर दिन औसतन 7,25,626 लोगों का परीक्षण किया जा रहा था। जबकि 10 अक्टूबर 2020 को समाप्त सप्ताह तक देश में प्रतिदिन 11,96,972 लोगों का परीक्षण किया जा रहा था।

इन राज्यों में मामले राष्ट्रीय औसत से दोगुनी तेजी से बढ़ें

पंजाब में सात दिवसीय औसत पहले के मुकाबले बढ़ गया है। ये पहली लहर के बाद 509 फीसदी तक बढ़ गया है, जो कि राष्ट्रीय औसत से लगभग आठ गुना ज्यादा है। किसान आंदोलन का केंद्र रहे पंजाब में 27 जनवरी वाले हफ्ते के अंत तक कोरोना के 181 दैनिक मामले आते थे। लेकिन फरवरी के पहले हफ्ते से मामले धीरे-धीरे बढ़ते रहे, जिसके बाद अचानक से मामलों का सात दिवसीय औसत बढ़ गया।महाराष्ट्र पंजाब के बाद दूसरे स्थान पर है, जहां कोरोना मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र में 11 फरवरी से मामलों में 331 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। महाराष्ट्र में औसत दैनिक मामले 2,415 से बढ़कर 10,410 हो गए हैं। महाराष्ट्र में अब तक 22 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 52,610 मरीजों ने अपनी जान गंवाई है।

इसके अलावा किसान आंदोलन के चलते हरियाणा में कोरोना के मामलों में तेजी देखी गई। कोरोना मामले की बढ़ोत्तरी में तीसरे नंबर पर हरियाणा है।  इस राज्य में सात दिवसीय औसत 302 फीसदी तक बढ़ गया है। इसके अलावा मध्यप्रदेश में भी कोरोना पैर तेजी से पसार रहा है।

फिर से बढ़ने लगी सकारात्मकता दर

भारत में पिछले हफ्ते कोरोना के परीक्षण में औसतन 2.6 फीसदी सैंपल पॉजिटिव पाए गए। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से बताई गई  सकारात्मकता दर यानी पांच फीसदी से काफी कम है परन्तु चिंता की बात यह है कि ये फिर से बढ़ रही है। एक महीने से भी कम, देश में औसतन साप्ताहिक सकारात्मकता दर बढ़ने लगी है। जानकारों का मानना है कि ये दर बताती है कि मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसलिए ये एक चिंताजनक स्थिति है। सकारात्मकता दर का बढ़ना घातक है।

20 दिनों में सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी

देश में कोरोना को लेकर स्थिति चिंताजनक तो है ही, साथ ही दैनिक मामलों में से ठीक हुए मामलों को घटाकर जो मामले प्रकाश में आ रहे हैं वो दर्शाते हैं कि सक्रिय मामले कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं। सक्रिय मामलों में तेजी और गिरावट पर निगरानी करना अहम है क्योंकि ये वायरस के वास्तविक संक्रमण को दर्शाता है।
पिछले 20 दिनों से सक्रिय मामलों में सात दिनों का औसत सकारात्मक है। 17 फरवरी से पहले 80 दिनों के लिए, सक्रिय मामले नकारात्मक संख्या में आते थे। यानी सप्ताह में देश में सक्रिय मामलों में गिरावट देखी जा रही है। लेकिन पिछले हफ्ते देश में रोजाना 2,251 सक्रिय मामलों को दर्ज किया गया है।

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