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गडकरी और फडणवीस के गढ़ में हारी भाजपा

महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा ने भले एकनाथ शिंदे के साथ हाथ मिलकर उद्धव ठाकरे को  सत्ता से बेदखल कर दिया है,लेकिन महाविकास अघाड़ी के आगे अपना सियासी प्रभाव नहीं जमा पा रही है।

दरअसल,महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में भाजपा -शिंदे गुट को तगड़ा झटका लगा है जबकि महाविकास को बड़ी जीत मिली है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गढ़ कहे जाने वाले नागपुर में भाजपा का सफाया हो गया है। आरएसएस का मुख्यालय नागपुर में है, जिसके चलते भाजपा के लिए चिंता बढ़ गई है। नागपुर शिक्षक कोटे की एमएलसी सीट पर महाविकास अघाड़ी के सुधाकर अदबोले ने भाजपा के नागो गाणार को 7 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। अडबले को 16,700 वोट मिले जबकि गाणार को 8,211 वोट मिले है।वहीं औरंगाबाद शिक्षक एमएलसी सीट से एनसीपी के उम्मीदवार विक्रम काले ने जीत दर्ज की है, विक्रम काले को 20,195 वोट मिले है।

इसके अलावा अमरावती स्नातक सीट पर सबसे बड़ा उलटफेर हुआ है। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार धीरज लिंगाडे ने जीत दर्ज की है,जबकि धीरज ने भाजपा उम्मीदवार रणजीत पाटिल को हराया है। नासिक खंड की स्नातक एमएलसी सीट पर कांग्रेस के बागी कैंडिडेट सत्यजीत तांबे ने जीत हासिल की है,क्योंकि कांग्रेस ने तांबे के पिता सुधीर तांबे को अपना आधिकारिक प्रत्याशी बनाया था, जो तीन बार से एमएलसी का चुनाव जीत रहे हैं। ऐसे में उन्होंने खुद नामांकन करने के बजाय अपने बेटे सत्यजीत तांबे को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल करायाऐसे में कांग्रेस ने दोनों नेताओं को पार्टी से निलंबित कर दिया था और महाविकास अघाड़ी ने शुभांगी पाटिल को समर्थन किया था। सत्यजीत तांबे की बागवत कांग्रेस को महंगी पड़ी है। कोंकण शिक्षक कोटे की एमएलसी सीट से भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर म्हात्रे ने बलराम पाटिल को हराया है। ज्ञानेश्वर म्हात्रे को 20 हजार से ज्यादा और बलराम पाटिल को महज 9500 वोट मिले है।

इस तरह सेभाजपा -शिंदे गुट को महाराष्ट्र की 5 में से 1 सीट ही मिली है,जबकि 4 सीटों पर उसे मात खानी पड़ी है,जो भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है,क्योंकि इस इलाके से भाजपा के दिग्गज  नेता नीतिन गडकरी और देवेंद्र फडणवीस आते है। ऐसे में कांग्रेस ने नागपुर एमएलसी सीट भाजपा से छीन ली है। एमवीए समर्थित उम्मीदवार सुधाकर अडबले ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नागोराव गाणार को हराकर नागपुर शिक्षक सीट से एमएलसी बने हैं। यह सीट अभी तक भाजपा के पास रही है। इतना ही नहीं विशेषज्ञों का कहना है कि नागपुर में संघ का मुख्यालय है। इसलिए की हार काफी चिंता पैदा कर रही है।

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