महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में चुनावी रण पूरी तरह सज चुका है। आज से टिकट वितरण प्रक्रिया शुरू हो रही है।राज्य विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत चरम पर पहुंच चुकी है। सत्तारूढ़ भाजपा व कांग्रेस के सामने आने वाले दिनों में सबसे बड़ी चुनौती बगावत को रोकने की होगी।सत्ताधारी भाजपा आज 29 सितंबर रविवार को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। राज्य में 21 अक्तूबर को मतदान होगा। सूत्रों के मुताबिक, राज्य के भाजपा नेता उम्मीदवारों की सूची को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा करने के बाद निर्णायक रूप देंगे।
भाजपा ने टिकट वितरण को लेकर आज 29 सितंबर रविवार को संसदीय दल की बैठक बुलाई है। हरियाणा के प्रतिनिधि के तौर पर अधिकृत प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला 90 सीटों की टिकटों का पैनल प्रस्तुत करेंगे, जिस पर पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा व संसदीय बोर्ड के सदस्य अंतिम निर्णय पर मुहर लगाएंगे।
बैठक में विधानसभा उम्मीदवारों की निर्विवाद सूची पर जहां अंतिम मुहर लगाई जाएगी, वहीं अन्य सीटों के पैनल को अंतिम रूप देने पर चर्चा होगी। इसके बाद कांग्रेस की पहली सूची आएगी।

भाजपा के शिवसेना के साथ सीट बंटवारा होने के दावे के बीच उद्धव ठाकरे ने कल शनिवार को दो टूक कहा कि मिलकर लड़ने पर जीतने पर उनकी पार्टी मुख्यमंत्री पद का दावा नहीं छोड़ेगी। उनके इस बयान के बाद भाजपा शिवसेना के बीच गठबंधन को लेकर नए सिरे से अटकलें लगने लगी हैं। मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना का दावा ठोकते हुए उन्होंने कहा कि आखिरी वक्त में बाला साहेब को उन्होंने वचन दिया था कि एक न एक दिन मुख्यमंत्री पद पर शिवसैनिक को जरूर बैठाऊंगा। इस वचन को पूरा करने की कसम खाई है। अगर शिवसैनिक उनके साथ हैं तो वह अपनी मर्जी के फैसले ले सकते हैं।
अगर हम भाजपा के साथ मिलकर लड़ते हैं तो उनके साथ अपनी ताकत लगानी है और हमें उम्मीद है कि भाजपा के लोग भी हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। उन्होंने कहा कि हम शिवसैनिक हैं और हमारे अंदर कपट नहीं है।”
विधानसभा चुनाव में भाजपा की नजरें उत्तरी महाराष्ट्र की 47 सीटों पर है, जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थीं। उत्तरी महाराष्ट्र के अहमदनगर, धुले, जलगांव, नंदूरबार और नासिक जिले में कांग्रेस कमजोर हुई है तो भाजपा अपनी पैठ बनाने में कामयाब रही है। चुनाव नजदीक आने के साथ ही भाजपा इन जिलों में अपने प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। लिहाजा कांग्रेस-एनसीपी के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है, जिससे दोनों विपक्षी दलों के लिए वहां दिक्कतें बढ़ गई हैं।
आदिवासी बहुल इलाके नंदूरबार और धुले में पारंपरिक रूप से कांग्रेस और एनसीपी मजबूत है। कांग्रेस के इस गढ़ में पहली बार दरार तब आई जब भाजपा ने एनसीपी के दिग्गज नेता विजय कुमार गावित की बेटी हिना गावित को पार्टी में शामिल किया। अब चर्चा है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता अमरीश पटेल भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा कई और नेताओं के पाला बदलने की अटकलें हैं।
वहीं, नासिक में कांग्रेस के पास दो विधायक थे, जिनमें से निर्मला गावित शिवसेना में शामिल हो चुकी हैं। वहीं अहमदनगर में अकोला से एनसीपी विधायक वैभव पिचड़ और शिरडी से कांग्रेस विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल दोनों भाजपा का दामन थाम चुके हैं। उत्तरी महाराष्ट्र में भाजपा की संभावनाओं पर बात करते हुए भाजपा नेता एकनाथ खड़से ने कहा कि आने वाले चुनाव में भाजपा इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेगी क्योंकि उसने अपना यहां काफी प्रसार किया है।
उत्तरी महाराष्ट्र के इन पांच जिलों में 288 विधानसभा सीटों में 47 सीटें आती हैं। नंदूरबार में जहां चार विधानसभा सीटें है, वहीं धुले में पांच, जलगांव में 11, नासिक में 15 और अहमदनगर में 12 सीटें हैं।