लगभग दो महीने पहले मानसून सत्र में भारी विरोध -प्रदर्शनो के बावजूद केंद्र सरकार ने दोनों सदनों में कृषि विधेयक ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020’ और ‘कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020’ पारित किए । विपक्षी दलों ने इन विधेयकों का विरोध करते हुए इन्हें किसानों के लिए बेहद नुकसानदायक करार दिया था ।इसके बाद सड़क पर किसान और संसद में नेता तीन विधेयकों को लेकर हाय-तौबा अभी भी कर रहे हैं।
इन बिलों के विरोध में आंदोलन में जुटे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। और नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर पिछले 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। किसानों के इस आंदोलन को अब सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना ने किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखा है। वहीं प्रदर्शन के मद्देनजर सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं। उत्तर प्रदेश में भी हाई अलर्ट है। उत्तर भारत के कुछ हिस्सों और कुछ गैर-भाजपा शासित राज्यों में बंद का असर पड़ने की संभावना है।
यह भी पढ़ें : सरकार के लिए गले की हड्डी बना किसान आंदोलन
किसानों और केंद्र सरकार के बीच इसे लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। किसान यूनियनों ने कहा है कि वे सरकार द्वारा प्रस्तावित किए जा रहे कृषि कानूनों में संशोधन से संतुष्ट नहीं हैं। दोनों के बीच कल नौ दिसंबर को फिर बातचीत होनी है।
किसान नेताओं ने कहा कि किसी को भी बंद में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। लगभग सभी विपक्षी दलों और कई ट्रेड यूनियनों ने ‘भारत बंद’ और किसानों का समर्थन करने का फैसला किया है। इसके मद्देनजर केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सुरक्षा कड़ी करने और कोरोना वायरस को लेकर दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
गृह मंत्रालय की एडवाइजरी
बंद और विरोध प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को अपनी एडवाजरी में यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोरोना के मद्देनजर स्वास्थ्य और शारीरिक दूरी को लेकर जारी किए गए दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया गया कि है ‘भारत बंद’ और एहतियाती कदम के दौरान शांति बनाए रखी जाए ताकि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे आंदोलनरत किसानों को समर्थन देने के लिए एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे हैं । उन्होंने कहा कि आंदोलन पूरे देश में फैलना चाहिए ताकि सरकार किसानों के हितों के लिए काम करे। एक रिकॉर्ड किए गए संदेश में उन्होंने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध की सराहना करते हुए कहा कि आंदोलन के पिछले दिनों में कोई हिंसा नहीं हुई है।
भाजपा ने साधा विपक्षी दलों पर निशाना
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा कि उनपर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देशभर के विभिन्न चुनावों में लोगों द्वारा बार-बार खारिज किए जाने के बाद विपक्षी दल अपने अस्तित्व को बचाने के लिए आंदोलन में शामिल हुए हैं। प्रसाद ने कहा कि किसानों का एक वर्ग निहित स्वार्थों के साथ कुछ लोगों के बहकावे में आ गया है और कहा कि सरकार सुधारों के बारे में उनकी गलतफहमियों को दूर करने के लिए काम कर रही है।