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दिल्ली दरबार में हुआ इकरार, जितिन-शर्मा को मंत्री बनाएगी योगी सरकार 

भाजपा के दिल्ली और लखनऊ के बीच चली आ रही तकरार अब खत्म होने को है। कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हुई मुलाकात के बाद दोनों तरफ से पहल की गई। इसके बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से योगी की मुलाकात हुई। जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि अब दिल्ली दरबार और लखनऊ के बीच आपसी सहमति हो चुकी है। कहा जा रहा है कि अब दिल्ली और लखनऊ के बीच कोई तनाव नहीं है।
 फिलहाल, पार्टी के सूत्रों की माने तो मोदी के करीबी पूर्व नौकरशाह और विधान परिषद सदस्य अविनाश कुमार शर्मा यानी ए के को महत्वपूर्ण मंत्रालय देने को राजी हो गए हैं। इसी के साथ 2 दिन पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को भी यूपी सरकार में शामिल किया जाएगा । भाजपा सरकार दोनों को मंत्रालय देकर सूबे में पार्टी से नाराज चल रहे ब्राह्मणों को मनाने की रणनीति पर काम कर रही हैं।

योगी पर था यह दबाव

बहरहाल, यह भी तय हो चुका है कि उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव योगी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। जबकि पहले केंद्रीय नेतृत्व उत्तर प्रदेश में योगी को हटाकर कोई नया चेहरा लाना चाह रहा था। इसी के साथ ही योगी पर यह भी दबाव था कि वह मोदी के करीबी विधान परिषद सदस्य एके शर्मा को ग्रह और  गोपन विभाग का मंत्रालय दे।  साथ ही उन्हें डिप्टी सीएम भी बनाए।
जिस पर योगी ने सहमति नहीं दी थी। यहां तक की संघ के डिप्टी दत्तात्रेय हसबोले से योगी मिलने से भी कतराते रहे थे। 3 दिन तक हसबोले लखनऊ में डेरा डाले रहे । लेकिन योगी उन्हें इग्नोर करते हैं रहे ।

लखनऊ में योगी की रिपोर्ट विरोध में , दिल्ली में संघ आया समर्थन में

यहा यह भी उल्लेखनीय है कि यूपी में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी एल संतोष और पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने भी लखनऊ का दौरा किया था और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों की समीक्षा की थी।  दोनों नेताओं ने इस दौरान राज्य सरकार के मंत्रियों और संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। जिसमें अधिकतर ने मुख्यमंत्री योगी के प्रति अपनी नाराजगी जताई थी।
बी एल संतोष और पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने  इसकी पूरी रिपोर्ट दिल्ली दरबार और संघ को दी थी ।उसके बाद संघ ने यह फैसला किया कि योगी को ही उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव का चेहरा बनाया जाएगा। 2 दिन पहले जब जितिन प्रसाद तो को कांग्रेस से भाजपा में लाया गया तो केंद्रीय नेतृत्व ने इसके लिए योगी को विश्वास में नहीं लिया ।

योगी ने बे”मन” जितिन को दी बधाई

केंद्रीय नेतृत्व को भी योगी की तरफ से जितिन प्रसाद के लिए रेड सिग्नल का डर था। क्योंकि जितिन प्रसाद पूर्व में कांग्रेस नेता रहते योगी सरकार की घेराबंदी करते रहेंगे है। जितिन प्रसाद का भाजपा में जाना केंद्रीय नेतृत्व की पसंद थी। यही वजह थी कि जितिन प्रसाद भाजपा के गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले लेकिन योगी से उनकी मुलाकात नहीं हुई।
शुरू में तो योगी की तरफ से भी ऐसा रिएक्ट किया जा रहा था कि वह जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने से खुश नहीं है। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के दबाव के कारण वह जितिन प्रसाद का भाजपा में आने का स्वागत करते दिखे। अपने टि्वटर हैंडल से उन्होंने इस बाबत एक पोस्ट भी जारी की। जिसमें उन्होंने कहा कि जितिन प्रसाद का भाजपा में स्वागत करते हैं।

अमित शाह के बाद योगी की मोदी और जेपी नड्डा से मुलाकात

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज मोदी से मुलाकात की । इसके बाद उन्होंने एक ट्वीट किया और कहा कि आज नई दिल्ली में आदरणीय  प्रधानमंत्री जी से शिष्टाचार भेंट और  मार्गदर्शन प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अपनी व्यस्ततम दिनचर्या से भेंट के लिए समय प्रदान करने और आत्मीय मार्गदर्शन करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार। इसी के साथ मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी आज की मुलाकात की फोटो की पोस्ट की है।
मोदी से योगी की करीब सवा घंटे से अधिक समय की मुलाकात हुई। उसके बाद वह प्रधानमंत्री आवास से सीधे बाहर निकले। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने पत्रकारों से कोई बातचीत नहीं की । वह सीधे भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मिलने उनके आवास गए। योगी से मुलाकात के बाद जेपी नड्डा ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी हैं। नड्डा से मुलाकात के बाद योगी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि इन मुलाकातों के जरिए पार्टी के भीतर विधायकों और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कवायद की जा रही है।

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