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एक और अफगानी शरणार्थियों का जथ्था पहुंचा भारत

अफगानिस्तान में बीते वर्ष तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। जिससे देश छोड़ रहे शरणार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। खासकर हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों की स्थिति भी काफी गंभीर है । ऐसे में अफगान से जो अल्पसंख्यक भारत लौट रहे हैं, वे भगवान का बहुत शुक्रिया अदा कर रहे है। बीते महीने लगभग 30 अफगानी शरणार्थियों को भारत लाया गया था। एक बार फिर 55 अफगानी शरणार्थियों का जथ्था भारत पहुँचा है। भारत पहुँचे इन शरणार्थियों की जानकारी आम आदमी पार्टी के सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी द्वारा भी दी गई है।

साहनी ने ट्वीट किया कि , ‘‘भगवान की कृपा से 55 सिखों एवं हिंदुओं का आखिरी जत्था अफगानिस्तान से सुरक्षित नयी दिल्ली पहुंच गया . विदेश मंत्रालय को धन्यवाद जिसने ई-वीजा जारी कर उन्हें वहां से यहां लाने में मदद की . एसजीपीसी को भी धन्यवाद . हम लोग ‘‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’’ कार्यक्रम के तहत उनका पुनर्वास करेंगे .’’

 

शरणार्थियों का किया जा रहा है स्वागत

 

तालिबान सरकार के शिकंजे से निकले ये शरणार्थी भारत का धन्यवाद कर रहे हैं। दरअसल तालिबान शासन के बाद से ही ये शरणार्थी अफगानिस्तान से लगातार निकलने का प्रयास कर रहे थे। अब जाकर इन शरणार्थियों का ये प्रयास सफल रहा है। शरणार्थियों को भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा ई-वीजा मंजूर किया गया था। अफगानिस्तान से दिल्ली पहुंचे इन शरणार्थियों में 38 वयस्क, 17 बच्चे और तीन शिशु शामिल हैं।

अफगान शरणार्थियों ने आपबीती बताते हुए कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। एक सिख शरणार्थी के अनुसार उसे चार महीने के लिए जेल में डाल दिया गया और वहां उसके बालों को कटवा दिया गया था। शरणार्थी सुखबीर सिंह खालसा के मुताबिक वो भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं क्योंकि यहां आने के लिए शरणार्थियों के लिए ई वीजा उपलब्ध करवाया गया। इन शरणार्थियों का कहना है कि अब भी हमारे परिवार के कई लोग अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं। तकरीबन 30-35 लोग अफगानिस्तान से अब भी नहीं निकल पाए हैं। अफगानी शरणार्थियों के लिए पश्चिम दिल्ली के अर्जुन नगर में स्थित गुरुद्वारे में शरणार्थियों का स्वागत करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

 

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