पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है।इसके संक्रमण से बचने के लिए दुनियाभर में शोध चल रहा है। इस बीच रूस ने एक वैक्सीन लांच कर दी है। इस वैक्सीन की दुनियाभर में भारी मांग हो रही है। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने दावा किया है कि 20 देशों ने वैक्सीन ‘स्पूतनिक-वी’ के लिए प्री-ऑर्डर कर दिया है। उन्होंने बताया कि दुनिया के 20 देशों ने वैक्सीन की करोड़ों डोज खरीदने में रुचि दिखाई है। रूसी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) वैक्सीन को बड़ी मात्रा में बनाने और विदेशों में प्रमोट करने में निवेश कर रहा है।
रूसी वैक्सीन से संबंधित वेबसाइट ने दावा करते हुए उन देशों के नामों को बताया है, जिन्होंने स्पूतनिक वी को खरीदने में इच्छा जताई है। इसमें भारत, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, फिलीपींस, ब्राजील, मैक्सिको आदि देश शामिल हैं। वेबसाइट का कहना है कि साल 2020 के अंत तक, 20 करोड़ कोरोना वैक्सीन के उत्पादन की योजना है। इसमें से तीन करोड़ डोज रूस खुद के लिए रखेगा।
माना जा रहा है कि वैक्सीन का बड़े स्तर पर उत्पादन इस साल के सितंबर में शुरू हो जाएगा।उसकी योजना फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल कई अन्य देशों में करने की है। इन देशों में सऊदी अरब, ब्राजील, भारत, फिलीपींस आदि शामिल हैं।
भारत समेत इन देशों में भी हो सकता है वैक्सीन का उत्पादन
इस वेबसाइट के अनुसार, बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन भारत, दक्षिण कोरिया और ब्राजील के साथ-साथ सऊदी अरब, तुर्की और क्यूबा सहित देशों में स्थानीय संप्रभु धन निधियों के साथ शुरू किया जा सकता है। इससे पहले, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कल 11 अगस्त को घोषणा की थी कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया की पहली वैक्सीन बना ली है, जो कोविड-19 से निपटने में ‘बहुत प्रभावी ढंग’ से काम करती है और एक स्थायी रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करती है।
रूस की कोरोना वैक्सीन ‘स्पूतनिक-वी’ राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी को भी लगाई गई है। पुतिन ने इसका खुलासा किया कि उनकी बेटियों में से एक को यह टीका पहले ही दिया जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘पहले टीके के बाद उनकी बेटी के शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस था, अगले दिन यह 37 डिग्री सेल्सियस से थोड़ा अधिक था। दूसरे टीके के बाद उसका तापमान कुछ बढ़ा और फिर सब ठीक हो गया। वह अच्छा महसूस कर रही है और एंटीबॉडी स्तर अधिक है।’
हालांकि रूसी वैक्सीन पर अमेरिका ने संदेह जताया है। पुतिन की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार ने कहा है कि कोविड-19 का पहला टीका बनाने की जगह कोरोना वायरस के खिलाफ एक प्रभावी और सुरक्षित टीका बनाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। ताइवान की यात्रा पर पहुंचे अजार से एबीसी ने कल मंगलवार 11 अगस्त को पूछा कि रूस की इस घोषणा के बारे में वह क्या सोचते हैं कि वह कोरोना वायरस के टीके का पंजीकरण करने वाला पहला देश बन गया है। अजार ने कहा, ‘विषय पहले टीका बनाने का नहीं है। विषय ऐसा टीका बनाने का है जो अमेरिकी लोगों और विश्व के लोगों के लिए सुरक्षित तथा प्रभावी हो।’
रूसी वैक्सीन पर सवाल उठने के पीछे सबसे बड़ी वजह है,इस वैक्सीन के बारे में सार्वजनिक जानकारी नहीं देना माना जा रहा है।जैसे बाकि देश वैक्सीन की जानकारी पब्लिक के बीच साझा कर रहे हैं रूस ने ऐसा नहीं किया। किसी भी वैक्सीन के लिए तीसरे फेज का ट्रायल काफी अहम होता है। जब हजारों लोगों पर लंबे समय तक वैक्सीन के प्रभाव की जांच की जाती है लेकिन रूस की कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल अभी पूरा नहीं हुआ है। रुसी वैक्सीन के शुरूआती ट्रायल बंदरों और इंसानो पर हुए थे। इस ट्रायल में उसे सफलता मूली लेकिन वैक्सीन तैयार करने वाली संस्था गमालिया इंस्टीटूट ने बड़े स्तर पर वैक्सीन का ट्रायल नहीं किया है। जिससे वैक्सीन से सुरक्षा और खतरे की जांच हो सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी एक हफ्ते पहले चेतावनी दे चुका है कि रूस को टेस्टिंग के पुरे तरीकों को छोड़कर वैक्सीन तैयार नहीं करनी चाहिए।