कोरोना महामारी एक बार फिर से वैश्विक लाॅकडाउन की तरफ इशारा कर रही है। विश्व भर में पाबंदियों का दौर शुरू हो गया है। अमेरिका में हालात काबू के बाहर होने लगे हैं तो यूरोपीय देशों में कोविड मरीजों की संख्या में तेजी से हो रहा इजाफा यहां सरकारों के लिए भी चिंता का विषय बन चुका है। भारत समेत एशियाई देशों में भी कोरोना का संकट बढ़ने लगा है। अफ्रीकी महाद्वीप भी इस महामारी की चपेट में दोबारा आ चुका है।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरी तरह निपटने के लिए दो सालों से दुनिया को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया भर के मुल्क कोरोना महामारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहे हैं। वैक्सीन के आने से थोड़ी राहत जरूर मिली है। लेकिन वायरस के नए-नए वेरिएंट्स अधिक मुसीबत बढ़ा रहे हैं। कोविड-19 की वजह से पूरी दुनिया के लोग एक बार फिर घरों में कैद होने को मजबूर हैं। जिस तरह से कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है उससे दुनियाभर में एक बार फिर पाबंदियों का दौर शुरू हो गया है। यहां तक की सरकारें लोगों को छुट्टियों पर जाने से रोक रही है।
अमेरिका में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के चलते मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। एक दिन में 10 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं। इस समय कोरोना के डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। हालांकि अमेरिका के सर्जन जनरल डा. विवेक मूर्ति का कहना है कि अभी ओमिक्रोन का चरम आना बाकी है और आने वाले हफ्तों में अस्पतालों में मरीजों की संख्या और मौतें बढ़ेंगी। ओमिक्रोन के चलते दुनिया के कई मुल्कों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
भारत में भी कोरोना वायरस ने पिछले आठ महीने का रिकाॅर्ड तोड़ दिया है और एक दिन में कोरोना के तीन लाख 17 हजार 532 नए मरीज मिले हैं। जबकि एक दिन में इस वायरस से संक्रमित 491 लोगों की मौत हो गई। वहीं, देश में कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
फिलहाल कोई राहत नहीं
मीडिया के एक कार्यक्रम में डाॅ मूर्ति ने कहा कि राहत की बात यह है कि न्यूयार्क शहर और न्यूजर्सी जैसे देश के उत्तरी हिस्से में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में स्थिरता देखने को मिली। हालांकि, सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पूरे देश में मामले न तो स्थिर हो रहे हैं और न ही कम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले एक दो दिन में कोई राहत नहीं मिलने वाली। यह समय अमेरिका के लिए बहुत कठिन होने वाला है।
ब्राउन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डाॅ आशीष झा भी मूर्ति की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि अगले कई हफ्तों तक अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ेगी। इस समय अमेरिका के अस्पतालों में डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज हैं जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इसमें और इजाफा होने के आसार है। कंसास शहर में छुट्टी के बाद से ही अस्पतालों में मरीजों की लाइन लग रही है। मरीज बढ़ रहे हैं और अस्पताल में कर्मचारियों की संख्या कम हो रही है। इससे अस्पतालों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है।
रूस में भी ओमिक्रोन के चलते संक्रमितों की संख्या बेतहाशा बढ़ रही है। हालात ये हैं कि एक दिन में कोरोना के 30 हजार 726 मामले मिले हैं, जबकि एक हफ्ते पहले तक 15 हजार के आसपास रोज मरीज मिल रहे थे। इस दौरान 670 लोगों की जान भी गई है। कोरोना वायरस टास्क फोर्स ने पिछले हफ्ते ही ओमिक्रोन के चलते मामलों में वृद्धि होने की आशंका जताई थी।
चीन में अर्थव्यवस्था-सप्लाई चेन प्रभावित
चीन ने कोरोना वायरस खासकर ओमिक्रोन के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपना रखी है। इसके चलते उसकी अर्थव्यवस्था और सप्लाई चेन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उदाहरण के लिए गोल्डमैन साक्स ने वर्ष 2022 के लिए चीन की अनुमानित आर्थिक विकास दर को 4.8 प्रतिशत से घटाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया है। पिछले साल की तुलना में यह लगभग आधी है। मोरगन स्टेनली ने भी विकास दर के अनुमान को 4.9 प्रतिशत से घटाकर 4.2 प्रतिशत कर दिया है।
आस्ट्रेलिया में फिर टेस्ट किट की कमी
आस्ट्रेलिया में घर में ही कोरोना जांच करने वाली किट की कमी हो गई है। प्रधानमंत्री स्काट मारिसन ने इस पर कहा कि एंटीजन टेस्ट किट में कमी कोई अनोखी बात नहीं है। ओमिक्रोन के चलते मामले बढ़ रहे हैं और अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की दर भी बढ़ रही है जिसका असर जांच व्यवस्था पर भी पड़ा है।
फ्रांस में चार हजार करोड़ का निवेश करेगी फाइजर
अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बौरला ने कहा है कि उनकी कंपनी ने कोरोना से निपटने में मदद के लिए अगले पांच साल में फ्रांस में 52 करोड़ यूरो (4100 करोड़ रुपये) निवेश करने की योजना बनाई है। उन्होंने यह भी बताया कि फ्रांस में कोरोना रोधी दवा बनाने के लिए फाइजर स्थानीय कंपनी नोवासेप के साथ भागीदारी कर रही है।
लड़ना पहली प्राथमिकता: फूमियो किशिदा
जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने संसद सत्र के उद्घाटन भाषण में कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने और बढ़ते क्षेत्रीय खतरे से निपटने के लिए सख्त उपाय करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में लोगों से भी एक दूसरे की मदद करने की अपील की।
टीका नहीं लगवाने वाले बुजुर्गों पर जुर्माना लगाएगा ग्रीस
ग्रीस में 60 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया गया है। यूरोपीय संघ की तुलना में ग्रीस में इस आयुवर्ग में टीका लगवाने वालों की औसत संख्या कम है। सरकार का कहना है कि टीका नहीं लगवाने वाले इस आयुवर्ग के लोगों को जनवरी में 57 डाॅलर यानी लगभग 4 हजार 275 रुपये का जुर्माना भरना होगा। इसके बाद भी टीका नहीं लगवाने पर अगले महीने से 114 डालर यानी लगभग 8 हजार 550 रुपये का जुर्माना देना होगा।