इस बार 2020 का नोबेल शांति पुरस्कार वर्ल्ड फू़ड प्रोग्राम को दिया गया। पुरस्कार को वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम के एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर डेविड बीज़ली ने ग्रहण किया। वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम विश्व भर में खाने से जूझ रहे लोगों को खाना प्रोवाइड करवाता है। विश्व स्तर पर फूड प्रोवाइड करने वाला यह सबसे बड़ा संगठन है। महामारी के दौर में इस संगठन ने अनेकों देशों में खाने से जूझ रहे लोगों को खाना पहुंचाया। यह संगठन भूखमरी की कगार पर पहुंचे देशों को आर्थिक सहायता भी प्रदान करता है।
वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम संयुक्त राष्ट्र का खाद्य कार्यक्रम है इसका मुख्यालय रोम में है। डब्लूएफपी की स्थापना 1961 में की गई थी। अमेरिकी शांति कार्यक्रमों के लिए खाद्य निदेशक जॉर्ज मैकगवर्न ने खाद्य सहायता कार्यक्रम स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। डब्लूएफपी 1963 में अपना पहला कार्यक्रम शुरू किया था। 1965 में इस कार्यक्रम को सतत आधार पर लागू किया गया। वर्तमान में डेविड बेस्ले इसके अध्यक्ष है। नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने के बाद डेविड ने बताया कि “ये कल्पना करना असंभव है कि 400 ईस्वी में रोम शहर में भीषण अकाल की वजह से पूरी आबादी के 90 प्रतिशत लोग मारे गए थे। उसी समय रोमन एम्पायर के पतन की शुरुआत हुई। सवाल ये है कि पतन की वजह से अकाल हुआ या अकाल की वजह से पतन हुआ? मेरे विचार में दोनों का जवाब है। हां” ”इस धनी, आधुनिक, तकनीकी रूप से उन्नत दुनिया में ये कल्पना करना भी असंभव है कि हम उसी तरह के अकाल की ओर बढ़ रहे है। लेकिन आज मेरा कर्तव्य है कि मैं ये कहूं कि अकाल, मानवता की दहलीज़ पर आ पहुंचा है।”
बेस्ले ने आगे कहा कि “अकाल को रोकने में विफल होने पर कई जानें जाएंगी और बड़ी तबाही होगी। हमारा मानना है कि खाद्य सुरक्षा में ही शांति का मार्ग निहित है। ये नोबेल पुरस्कार सिर्फ़ धन्यवाद के लिए नहीं, बल्कि क़दम उठाने के लिए है।”