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वर्कर यूनियन का अमेजॉन पर बड़ा आरोप, यूनियन वालों को धमकाया जा रहा

अमेरिका की ई कामर्स कंपनी अमेजॉन अलबामा प्रांत में स्थित गोदाम के 6000 हजार श्रमिकों ने यूनियन बनाने या न बनाने को लेकर मतदान का सहारा लिया। कहा गया कि यदि यूनियन बनाने के पक्ष में ज्यादा वोट पड़े तो यूनियन बनाई जाएगी, अगर कम पड़ते है तो यूनियन बनाने का विचार कैंसल किया जाएगा। लेकिन अब इसको लेकर विवाद ओर गहराता जा रहा है। यूनियन बनाने वाले कर्मचारियों को यूनियन न बनाने के लिए धमकाया जा रहा है। क्योंकि ई कामर्स कंपनी में मजूदरों के हकों के लिए लड़ने वाली कोई यूनियन नहीं है। अगर यूनियन बनती है तो ई कामर्स इतिहास में यह पहली यूनियन होगी, जो मजदूरों के लिए आवाज उठाएंगी।

ई-कॉमर्स कंपनियों के बड़े गोदामों में हजारों की संख्या में मजदूर काम करते है। लेकिन उनके हकों के लिए लड़ने वाला अभी तक कोई संगठन नहीं था। जब अलबामा गोदाम के मजदूरों ने अपनी आवाज को उठाने के लिए यूनियन बनाने का विचार रखा तो यूनियन बनाने वाले लोगों को धमकाया गया, उन्हें कंपनी से निकालने की धमकियां दी जाने लगी। जिसके कारण अब अमेजॉन कर्मचारियों में कंपनी के प्रति गुस्सा उमड़ रहा है। वर्कर यूनियन ने आरोप लगाया है कि उन्हें धमकाया जा रहा है, डराया जा रहा है, उनको नौकरी से निकाले संबंधी बाते कही जा रही है।

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अब अनुमान लगाया जा रहा है कि जिस तरह ई कामर्स कंपनियों में काम न करने वाले मजदूरों (जो ई कामर्स कंपनी से न होकर अन्य मजदूरी के कार्य करते है) के लिए यूनियन बनी होती है वैसे ही अब ई कामर्स कंपनियों में यूनियन बनाने की कवायद से शुरु हो चुकी है। अमेजॉन की इन घटनाओं का अन्य कंपनियों पर भी असर पड़ेगा। अमेजॉन अमेरिका में निजी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी नियोक्ता कंपनी है। कंपनी का इतिहास रहा है कि उसने अपने गोदामों और होल फूड्स नाम से परिचालित खुदरा दुकानों में श्रमिक यूनियन बनाने के हर प्रयास को अब तक नाकाम किया है।

यूनियन के गठन के लिए ज्यादा समर्थन वोटों की आवश्यकता होगी। अगर ऐसा होता है तो यूनियन बनाने का प्रस्ताव पास हो सकता है। मतों की गिनती मंगलवार को राष्ट्रीय श्रमिक संबंध परिषद के अधिकारी करेंगे। अमेजॉन वर्कर अपनी तनख्याह बढ़ाने के अलावा, सम्मान अधिकार की मांग कर रहे है। कर्मचारियों का आरोप है कि उनसे दस घंटे ताबड़तोड़ काम करवाया जाता है। ब्रेक के 30 मिनट मिलते है। सीनेट के सामने एक मजदूर ने अपनी शिकायत रखते हुए कहा था कि उनके ऊपर सारा दिन नजर रखी जाती है। अगर हम कुछ देर रुक कर आराम कर लेते है तो हमारी सैलरी से पैसे काटे जाते है या हमें निकाल दिया जाता है। अमेजॉन का विस्तार लगभग विश्व में है।

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