अफगानिस्तान ,में पूर्व राष्ट्रपति असरफगनी सरकार में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए गए थे। जिसमें महिलाएं जज पत्रकार , राजनेता ,सहित कई पदों तक पहुंची थी। लेकिन पिछले साल जब से अफगान में तालिबान राज कायम हुआ है तब से लगातार महिलाओं को इन पदों से हटाया जा रहा है। हालात यह है कि खेलों में भी महिला खेलो पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। जिससे कई महिलाएं देश छोड़ कर जा रही है। लेकिन नबजीदा उन सभी नेताओं में से एक थी जिन्होंने तालिबान के कब्जे और उनके डराने धमकाने के बावजूद देश छोड़ कर नहीं भागी। 15 जनवरी की रात नबजीदा और उनके बॉडीगार्ड की गोली मारकर हत्या कर दिए गई।
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पुलिस के अनुसार नबीजादा काबुल में अपने घर पर थीं। उसी वक्त हमलावरों ने उन पर हमला कर दिया। जिसमें उनका भाई भी घायल हो गया । सुरक्षा बलों द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गई है। मुर्सल नबीजादा अमेरिकी समर्थित अशरफ गनी की सरकार में सांसद थीं। लेकिन एक साल पहले तालिबान ने गनी सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था। पूर्व सांसद नबजीदा की हत्या पर शोक प्रकट करते हुए पूर्व सांसद मरियम सोलेमानखिल ने ट्वीट कर लिखा नबीजादा अफगानिस्तान की निडर चैंपियन थीं। वे सच्ची पथप्रदर्शक, मजबूत और मुखर महिला थी जो खतरे के सामने भी अपने विश्वास के साथ खड़ी रहीं। मरियम के कहने अनुसार अफगानिस्तान छोड़ने का मौका दिए जाने के बावजूद उन्होंने यहां रहकर लोगों के लिए लड़ने का फैसला किया था। संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस द्वारा भी अफगानिस्तान की पूर्व सांसद मुर्सल नबीजादा की हत्या की जांच की मांग की गई है। मौजूदा समय में तालिबान द्वारा जिम ,यूनिवर्सिटी ,पार्क , घर से बाहर जाकर काम करने को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। महिलाओं के प्रति प्रतिबंध लगाने की यह प्रक्रिया अभी भी जारी है ।