सऊदी अरब की गिनती दुनिया के सबसे कट्टरपंथी देशों में होती है, जहां महिलाओं पर कई पाबंदियां हैं। उन पर अभी भी सदियों पुराने कड़े नियम- कानून लागू हैं। रूढ़िवादिता के कारण उनकी स्थिति अच्छी नहीं है। लेकिन अब यह देश समय के साथ अपनी सोच में बदलाव लाने को विवश है। यहां के शासक महसूस करने लगे हैं कि आर्थिक मोर्चे पर दुनिया में अपनी साख बरकरार रखनी है, तो रुढ़िवादिता को छोड़ना ही होगा।
महिलाओं को उनके अधिकार देने ही होंगे। विश्व की आधी आबादी पर सबसे ज्यादा प्रतिबन्ध लगाने वाला और उनके प्रति दकियानूसी सोच रखने वाला सऊदी अरब अब बदल रहा है। सऊदी अरब मुस्लिम बहुसंख्यक देश है इसलिए वहां लगाए ज्यादातर कानून इस्लाम धर्म का पालन करते है। लेकिन अब धीरे-धीरे इन कानूनों को हटाकर महिलाओं को भी आगे बढ़ने का मौका दिया जा रहा है। हाल ही में अब सऊदी अरब महिलाओं से जुड़े एक और फैसले को मंजूरी देकर बदलाव की ओर एक और कदम बढ़ाने का काम किया है। इस नए फैसले के तहत अब हर उम्र की महिलाएं को बिना पुरुष के साथ हज करने की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले महिलाएं पुरुष के बिना हज नहीं कर सकती थी।
सऊदी अरब में मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर्स पर नए कानून से भड़के कट्टरपंथी
इतना ही नहीं इस ईद के अवसर पर सऊदी अरब की ओर से मक्का मस्जिद और पवित्र मदीना में महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दुनिया को सन्देश देने का प्रयास किया गया कि अब देश सिर्फ बदल ही नहीं रहा है बल्कि महिला सशिक्तकरण की ओर भी अग्रसर है। सऊदी अरब में महिलाओं को पुरुष अभिभावकों के बिना हज की इजाजत देने के इस फैसले की विश्वस्तर पर काफी सराहना हो रही है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की फैसले पर अंतिम मुहर लगी है। कई महिलाओं को इस फैसले के बाद अब अकेले हज करना नसीब हो सकेगा।
गौरतलब है कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सत्ता में आने के बाद से सऊदी अरब में महिलाओं को कई अधिकार देते हुए लगातार कड़े नियम टूट रहे हैं। साल 2017 से सऊदी अरब में महिलाओं के हितों के लिए कई अहम फैसले लिये जा रहे हैं। प्रिंस सलमान की आधुनिक सोच के चलते अब सख्त नियमों में शिथिलता प्रदान की जा रही है। इसी कड़ी में विदेशी पुरुषों और महिलाओं को होटल का कमरा किराए पर लेने की अनुमति दे दी गई है। अब तक महिला एवं पुरुष पर्यटकों को कमरा लेने से पहले साबित करना पड़ता था कि वे साथ हैं। रूढ़िवादी मुस्लिम देश ने हाल ही में पर्यटक वीजा देने की व्यवस्था शुरू की है।
उसके बाद ही ये फैसला लिया गया है। खास बात यह है कि ये अनुमति सिर्फ बाहरी मुल्कों के महिला और पुरुषों को नहीं दी गई है, बल्कि इससे सऊदी अरब की महिलाएं भी अब पर्यटन के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखा सकेंगी। सऊदी पर्यटन आयोग और राष्ट्रीय विरासत की ओर से अरबी भाषा के समाचार पत्र ‘ओकाज’ के माध्यम से बताया गया कि सभी सऊदी नागरिकों को होटलों में चैक- इन करने से पहले परिवार की आईडी या रिश्ते का प्रूफ दिखाने के लिए कहा जाता था, लेकिन विदेशी पर्यटकों के लिए अब यह आवश्यक नहीं है। साथ ही कहा गया है कि सभी सऊदी महिलाएं अकेले होटलों में बुकिंग कर सकती हैं और चेक-इन के वक्त आईडी प्रदान कर सकती हैं। धीरे-धीरे ही सही, लेकिन सऊदी अरब में महिलाओं को पुरुषों जैसे अधिकार मिलने लगे हैं।