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गिरफ्तार होंगे ट्रंप?

 

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक और मामले में आपराधिक अभियोग तय किया गया है। यह मामला 2020 राष्ट्रपति चुनाव में जॉर्जिया प्रांत के चुनाव नतीजे को पलटने की कोशिश का है। ट्रंप पर आरोप लगाया गया है कि वे उस साजिश में शामिल थे जिसके जरिए चुनाव नतीजे को अवैधानिक तरीके से बदल कर जो बाइडेन को हराने की कोशिश की गई। इसको लेकर फानी विलिस ने ट्रंप के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर उन्हें 25 अगस्त तक सरेंडर करने को कहा है

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक के बाद एक आरोप लगते रहे हैं। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद से ही ट्रंप लगातार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इस सबके बीच वह 2024 में फिर से राष्ट्रपति पद की रेस में दौड़ने की तैयारी भी कर रहे हैं। लेकिन उन पर चल रहे आपराधिक मुकदमों का ‘भूत’ उन्हें 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान परेशान कर सकता है। उनकी मुश्किलें और कानूनी अड़चनें खत्म होने के बजाय बढ़ती ही जा रही हैं। इस बीच अब जॉर्जिया की ग्रैंड जूरी की ओर से ट्रंप को चुनाव नतीजे पलटने के आरोप में दोषी ठहराया गया है। ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 2020 में जॉर्जिया के चुनाव परिणामों को पलटने की कोशिश की थी।

ये है चौथा आपराधिक आरोप

जॉर्जिया की ग्रैंड जूरी ने उन्हें चौथे आपराधिक आरोप के लिए दोषी ठहराया और कहा कि ट्रंप ने 2020 के राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रेट की हार को पलटने की कोशिश की थी। जॉर्जिया की ग्रैंड जूरी ने ट्रंप पर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ अभियोग जारी किया है। इसके बाद 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन नामांकन की दौड़ में सबसे आगे चल रहे ट्रंप को अब फुल्टन काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटार्नी फानी विलिस द्वारा लगाए गए इन आरोपों के बाद कानूनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

रीको कानून के तहत आरोप

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, फुल्टन काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटार्नी फानी विलिस ने ट्रंप और उनके 18 सहयोगियों पर जॉर्जिया के एंटी-रैकेटियरिंग कानून का उल्लंघन करने के साथ-साथ साजिश, झूठी गवाही देने और एक सार्वजनिक अधिकारी के पद की शपथ का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। विलिस ने सभी 19 आरोपियों पर रीको एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं। इसका उपयोग किसी भी ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध किया जा सकता है जो किसी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आपराधिक साधनों का उपयोग करता है। रीको रैकेटियर प्रभावित और भ्रष्ट संगठन अधिनियम को संदर्भित करता है। गौरतलब है कि फानी विलिस द्वारा पिछले दो साल से ट्रंप और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच की जा रही है। विलिस ने कहा है कि मैं सभी आरोपियों को 25 अगस्त 2023 की दोपहर तक का समय दे रहा हूं कि वे स्वेच्छा से आत्मसमर्पण कर दें। ट्रंप के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी कर दिया गया है।

98 पन्नों का अभियोग

98 पन्नों के विस्तृत अभियोग में कुल 19 आरोपियों और 41 आपराधिक मामलों को सूचीबद्ध किया गया है। सभी आरोपियों पर रैकेटियरिंग का आरोप है। यह आरोप किसी एक संगठित अपराध समूह के सदस्यों पर लागू होता है। इसमें 20 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। आरोपियों में ट्रंप के पूर्व व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज और वकील रूडी गिउलियानी और जॉन ईस्टमैन शामिल हैं। ट्रंप के खिलाफ जारी अभियोग में कहा गया, ‘ट्रंप और इस अभियोग में आरोपित अन्य आरोपियों ने चुनाव में हार से इनकार किया है और जानबूझकर अवैध रूप से चुनाव परिणाम को ट्रंप के पक्ष में बदलने की साजिश में सहभागिता दिखाई है।

मामला कैसे हुआ शुरू

यह मामला 2 जनवरी, 2021 को एक फोन कॉल के जरिए सामने आया, जिसमें ट्रंप ने जॉर्जिया के शीर्ष चुनाव अधिकारी ब्रैड रैफेंसपर्गर से राज्य में उन्हें हुए नुकसान को उलटने के लिए पर्याप्त वोट खोजने के लिए कहा। हालांकि रैफेंसपर्गर ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। चार दिन बाद ट्रंप के समर्थकों ने सांसदों को कैपिटल हिल में प्रवेश करने से रोकने के लिए यूएस कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया। ये सांसद जो बाइडन की जीत को प्रमाणित करने के लिए कैपिटल हिल जा रहे थे। ट्रंप के खिलाफ लाए गए अभियोग में ट्रंप और उनके सहयोगियों द्वारा कथित तौर पर किए गए कई अपराधों का हवाला दिया गया है। इन अपराधों में कुछ सांसदों की झूठी गवाही शामिल है कि चुनाव में धोखाधड़ी हुई थी। साथ ही राज्य के अधिकारियों से चुनाव परिणाम बदलने के लिए कहकर राष्ट्रपति पद की गरिमा का उल्लंघन किए जाने को भी इस अभियोग पत्र का हिस्सा बताया गया है। आरोपों में जॉर्जिया के ग्रामीण इलाके में मतदान प्रणाली का उल्लंघन करना और एक चुनाव कार्यकर्ता को परेशान करना भी शामिल है। इसमें वोटिंग लिस्ट में गड़बड़ी और चुनावी प्रक्रिया में बाधा डालने की कथित योजना का भी जिक्र किया गया है।

चुनाव परिणाम को बदलने के प्रयास
अभियोग में ट्रंप पर न सिर्फ जॉर्जिया, बल्कि अन्य राज्यों के चुनाव नतीजे बदलने का आरोप भी लगाया गया है। आरोप है कि गिउलिआनी और मीडोज समेत ट्रंप के सलाहकारों ने एरिजोना, पेंसिल्वेनिया और अन्य राज्यों में अधिकारियों को समन भेजकर उन राज्यों में चुनाव परिणाम बदलने की कोशिश की। ट्रंप ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है और सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी से संबद्ध जॉर्जिया ग्रैंड जूरी पर आरोप लगाया है कि उनकी ओर से लगाया गया अभियोग राजनीति से प्रेरित है।
पहले से हैं तीन आपराधिक मामले इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ तीन आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है। उन पर दो पोर्न स्टार्स को मुंह बंद रखने के लिए पैसे देने का आरोप है। दोनों महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उनके ट्रंप के साथ शारीरिक संबंध थे और 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले उन्हें अपना मुंह बंद रखने के लिए भुगतान किया गया था। इस मामले की सुनवाई 25 मार्च 2024 से न्यूयॉर्क में होनी है।

ट्रंप पर सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स को गैरकानूनी रूप से अपने कब्जे में रखने का भी आरोप है जिसकी सुनवाई अगले साल 20 मई से फ्लोरिडा में शुरू होगी। दोनों ही मामलों में उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है। वहीं, वाशिंगटन संघीय अदालत द्वारा तीसरे अभियोग में उन पर 2020 की चुनावी हार को अवैध रूप से पलटने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है। ट्रंप ने इस मामले में भी खुद को निर्दोष बताया है। इस मुकदमे की तारीख अभी तय नहीं हुई है। जॉर्जिया कभी रिपब्लिकन पार्टी का गढ़ था, लेकिन हाल के वर्षों में यह उन कुछ राज्यों में से एक बनकर उभरा है जो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे तय करते हैं। ट्रंप लगातार झूठा दावा कर रहे हैं कि उन्होंने नवंबर 2020 का राष्ट्रपति चुनाव जीता है, भले ही दर्जनों अदालती मामलों और राज्य जांच में कोई सबूत नहीं मिला है कि उनका दावा सच है।

 


रीको एक्ट

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जॉर्जिया राज्य में रीको एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके तहत ट्रंप पर संगठित अपराध को रोकने के लिए बनाए गए कानून रीको का उल्लंघन करने का आरोप है।
वर्ष 1970 में अमेरिकी संसद ने माफिया से निपटने के लिए फेडरल रैकेटियर इनफ्लुएंस्ड एंड करप्ट ऑर्गेनाइजेशन एक्ट (आरआईसीओ) पारित किया। इसके बाद अमेरिका के ज्यादातर राज्यों ने इस तरह के अपराध से निपटने के लिए ऐसा कानून बनाया। हालांकि कई राज्यों ने इस कानून में कई बदलाव भी किए।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक संघीय कानून के तहत कार्रवाई और लंबे समय तक किसी गिरोह के साथ काम करना दो अंतर्निहित अपराध शामिल हैं। जबकि जॉर्जिया राज्य के रीको कानून के मुताबिक लंबे समय तक किसी गैंग से जुड़े रहना जरूरी नहीं है। इस राज्य में 50 अंतर्निहित अपराधों की एक सूची बनाई गई है, जो एक रैकेटियर के लिए पर्याप्त है। जॉर्जिया में रीको कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 5 से 20 साल की सजा का प्रावधान है। जबकि संघीय कानून के तहत अधिकतम 20 साल की सजा हो सकती है, हालांकि इस कानून में न्यूनतम सजा तय नहीं है।

रीको का उपयोग कैसे किया जाता है?

अमेरिका में माफिया के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है। इसके बाद अन्य संगठित अपराधों के खिलाफ भी रीको एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस कानून को उन सभी प्रकार के अपराधों पर लागू किया है जिन्हें उन्होंने गिरोह के रूप में पहचाना है। इसमें वॉल स्ट्रीट बैंक और बाजार में हेरफेर करने वाले व्यापारी शामिल हैं।

रीको का उपयोग क्यों?

रीको कानून की कल्पना उन माफिया डॉनों पर नकेल कसने के लिए की गई थी, जो गलत तरीके से लाभ कमाकर खुद को साफ रखने के लिए फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल करते थे। कानून में यह साबित करने की आवश्यकता नहीं है कि आरोपी सीधे तौर पर आपराधिक गतिविधि में शामिल था। बस यह साबित करना होगा कि आरोपी एक बड़े संगठन का हिस्सा है जिसने अपराध किया है।

रीको का उपयोग करने का जोखिम

रीको का मामला स्वाभाविक रूप से अधिक जटिल है। क्योंकि प्रोसेक्यूटर को पहले यह साबित करना होगा कि ऐसा कोई गिरोह काम कर रहा है या नहीं। ट्रंप अभियोग में 18 आरोपियों के नाम हैं। जिसमें ट्रंप के एक समय के वकील रूडी गिउलियानी, उनके पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज और वकील जॉन ईस्टमैन शामिल हैं। प्रोसेक्यूटर को यह साबित करना होगा कि ट्रंप और उनके सहयोगियों ने एक सामान्य उद्देश्य के लिए अपराध किया है, जो रीको अपराध के अंतर्गत नहीं आता है।

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