अमेरिका-ईरान के बीच बढ़ते टकराव को लोग विश्व युद्ध की आहट के तौर पर ले रहे हैं। इस संबंध में फ्रेंच भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों को खंगाल रहे हैं
पिछला साल पूरी दुनिया के लिए उथल-पुथल भरा रहा और नए साल की शुरुआत में ही लोग इस बात को लेकर चिंतित हो गए कि कहीं अमेरिका-ईरान के बीच गहराता तनाव तीसरे विश्व युद्ध का कारण तो नहीं बन जाएगा। अमेरिका द्वारा ईरान की कुदस सेना के कमांडर कासिम सुलेमानी व उनके साथी अबू मेहंदी पर ड्रोन द्वारा हमला कर इस हमले के बाद अमेरिका और ईरान एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं।
ईरान अपने कमांडर कासिम सुलेमानी को मारे जाने के बाद से बदले की आग में धधक रहा है, लेकिन वह अमेरिका के ऊपर सीधे तौर पर हमला करना नहीं चाहता। ईरान अपने सहयोगी गुटों की सहायता से अमेरिका के ठिकानों पर छोटे-छोटे हमले कर रहा है। बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर दो बार राकेट हमला हुआ। अमेरिका ने इस हमले का आरोप ईरान के ऊपर लगाया।
दुनिया की दो शक्तियों में बढ़ते टकराव के चलते लोग जाने-माने फ्रेंच भविष्यवाणी नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों पर भी चर्चा करने लगे हैं। नास्त्रेदमस ने 21वीं सदी के संबंध में कहा था कि काले और सफेद दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।
माना जाता है कि नास्त्रेदमस ने 16वीं शताब्दी में ही प्रथम विश्वयुद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध, नेपोलियन के साम्राज्य समेत तमाम भविष्यवाणियां की थीं, जो सच साबित हुई हैं। नास्त्रेदमस की कई भविष्यवाणियां सच हो चुकी हैं। नास्त्रेदमस ने 2020 को लेकर भी कई भविष्यवाणियां की हैं, जिसमें दुनिया में प्राकृतिक खतरे और भयंकर हिंसा आदि शामिल हैं।
नास्त्रेदमस के अनुसार, आग का एक गोला पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है जो धरती से मानव की विलुप्ति का कारण बन सकता है। आकाश से एक उल्का पिंड हिंद महासागर में गिरेगा और समुद्र का सारा पानी धरती पर फैल जाएगा जिसके कारण धरती के अधिकांश राष्ट्र डूब जाएंगे। इस भयानक टक्कर के कारण धरती अपनी धुरी से ही हट जाएगी और अंधकार में समा जाएगी।
प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणियों से हटकर लोगों का ध्यान अभी इस बात पर ज्यादा है कि दुनिया में बड़ी शक्तियों के बीच टकराव बढ़ेगा। विश्व युद्ध होगा जो 27 साल तक चलेगा। इस टकराव को लोग अमेरिका और ईरान के टकराव से जोड़कर देख रहे हैं। 2020 में इस सदी का सबसे बड़ा आर्थिक संकट आएगा।
इस भविष्यवाणी का अर्थ भी अमेरिका और चीन के टकराव से लगाया जा रहा है जिसके चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है। अर्थव्यवस्था का केंद्र हांगकांग इस वक्त हिंसा की आग में जल रहा है जिसके चलते भारत सहित दुनिया के कई दक्षिण एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है।
आशंकाएं जन्म ले रही है कि यदि अमेरिका-ईरान दोनों देशों के बीच युद्ध होता है तो ईरान तेल रोककर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार सकता है। दुनिया में तेल के कुल प्रवाह का पांचवा हिस्सा फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के बीच होरमुज स्ट्रेट के रास्ते जाता है। युद्ध के हालात में ईरान अपनी नौसेना के जरिए इस रास्ते को बंद कर सकता है।
युद्ध के हालात के मद्देनजर ईरान ये भी कर सकता है कि वह तेल रोकने की इस नीति को यमन और हौती सहयोगियों के साथ मिलकर उनसे भी ऐसा करने को कहे। ऐसा होता है तो लाल सागर में बाब अल-मंदाब का रास्ता भी रोका जा सकता है, जहां से दुनिया का करीब चार फीसदी तेल गुजरता है। तेल कारोबार की बड़ी चाबी ईरान के हाथ में है और यह उसकी सबसे खास रणनीतिक ताकतों में शुमार है।
जहां दुनिया दो बार विश्व युद्ध की मार झेल चुकी है तो वहीं सब का सवाल हर बार यही होता है कि आखिर तीसरा विश्व युद्ध कब होगा। लेकिन अब ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ती युद्ध जैसी स्थिति ने तीसरे विश्वयुद्ध की आहट पूरी दुनिया में फैला दी है। अभी कुछ ही दिन पहले अमेरिका ने ईरान के सेना प्रमुख कासिम सुलेमानी को एयर स्ट्राइक कर मार गिराया था।
जिसके बाद से ही अमेरिका और ईरान के बीच तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया है। इसके बाद ईरान ने खुलेआम ‘अमेरिका को धमकी दे डाली थी और कहा था कि अमेरिका कि हम इस हंसी को जल्द ही मातम में बदल देंगे। अमेरिका से अब घातक बदला लिया जाएगा।’ ईरान ने अमेरिका पर हमला बोला है।
ईरान ने इराक की राजधानी बगदाद में मिसाइस से हमला किया। इस हमले में ईरान ने एक के बाद एक चार मिसाइलें दागी। जिसमें एक मिसाइल अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाते हुए छोड़ी गई और तीन मिसाइलें बगदाद के उस ठिकाने पर छोड़ी गई जहां अमेरिकी सैनिक मौजूद थे। ईरान का यह हमला सीधे तौर पर अमेरिका के उस हमले का जवाब था। जिसमें उसने ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था।
इसके बाद अमेरिका के साथ तल्खी के बीच ईरान में आज काफी उथल-पुथल देखने को मिल रहा है। ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया और करीब एक दर्जन मिसाइलें दागी। इसके बाद अमेरिका ने भी इस बात की पुष्टि की है। हालांकि ईरान ने इस हमले में 80 अमेरिकी जवानों को मार गिराने का दावा किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी थी कि यदि ईरान हमारे जवानों या संपत्ति पर हमला करता है, तो हम 52 ईरानी स्थलों को निशाना बनाएगा। इसके जवाब में ईरानी कुद्स फोर्स का कहना है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के 140 ठिकानों की निशानदेही कर ली है। इस बीच अमेरिका के साथ बढ़ रहे तनाव के चलते ईरान ने भारत से शांति की पहल करने की अपील की है। भारत में ईरान के राजदूत ने कहा है कि उना देश ईरान अमेरिका के बीच तनाव को कम करने को लेकर भारत की किसी भी शांति पहल का स्वागत करेगा।