अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया है कि वह सितंबर 2023 तक अपने देश के सभी रासायनिक हथियारों को नष्ट कर देंगे। दरअसल, पिछले महीने ही रूस और चीन ने संयुक्त बयान जारी कर अमेरिका पर रासायनिक हथियारों को नष्ट करने का दबाव डाला था। बयान में कहा गया है कि केवल अमेरिका ही है जिसके द्वारा अभी तक अपने रासायनिक हथियारों को नष्ट नहीं किया गया है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका और सीडब्ल्यूसी के सदस्य अगले सप्ताह एक सम्मेलन के लिए एकत्र होंगे। इसमें दुनिया को रासायनिक हथियारों से मुक्त करने पर चर्चा होगी। हम उदाहरण के द्वारा दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं। अमेरिका ऐसे खतरनाक हथियारों के एकत्रित करने का हमेशा विरोध करेगा। हमें अन्य देशों को भी सीडब्ल्यूसी के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
रूस का कहना है कि उसने 2017 में ही अपने सभी रासायनिक हथियारों को नष्ट कर दिया था। हालांकि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने आशंका जताई थी कि रूस यूक्रेन के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। वहीं रूस ने इससे पहले अमेरिका पर यूक्रेन में रासायनिक और जैविक हथियार बनाने का आरोप लगाया था।
चीन का कहना है कि उसने कभी रासायनिक हथियार नहीं बनाए। हालांकि, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान ने चीन में रासायनिक हथियारों का एक बड़ा भंडार छोड़ दिया था। जिन्हें अब नष्ट करने को कहा जा रहा है।
क्या है रासायनिक हथियार ?
ऑर्गनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वेपन्स (OPCW) के अनुसार, रासायनिक हथियार ऐसे हथियार हैं जिनमें जहरीले रसायनों का इस्तेमाल जानबूझकर लोगों को मारने या नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है।
सैन्य उपकरण जो खतरनाक रसायनों को हथियार बना सकते हैं, उन्हें रासायनिक हथियार या रासायनिक हथियार भी माना जा सकता है।
रासायनिक हथियार इतने घातक होते हैं कि वे एक पल में हजारों लोगों की नींद उड़ा सकते हैं और तरह-तरह की बीमारियों के प्रभाव से उन्हें मरने पर मजबूर भी कर सकते हैं।
कुछ घातक केमिकल वेपन
ब्लड एजेंट : ये ब्लड सेल्स पर अटैक करते हैं और व्यक्ति की जान ले लेते हैं।
जैविक और रासायनिक हथियारों में अंतर
रासायनिक हथियार जैविक हथियारों से अलग होते हैं। जैविक हथियार लोगों को मारने या बीमार करने के लिए बैक्टीरिया और वायरस का इस्तेमाल करते हैं। रासायनिक हथियार सामूहिक विनाश के हथियारों की श्रेणी में आते हैं।