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दुनिया को WHO की चेतावनी, हो सकता है कि कोरोना वायरस कभी खत्म न हो

मेडिकल प्लानिंग के कारण भारत में कोरोना मृत्यु दर सबसे कम: स्वास्थ्य मंत्रालय

अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए पूरी दुनिया अब लॉकडाउन खोलने पर विचार कर रही है। लेकिन दूसरी तरफ कोरोना का कोहराम जारी है और इससे बचने के लिए अब तक कोई वैक्सीन या दवा नहीं बन सकी है। इस सभी अटकलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि COVID-19 हमारे आस-पास लंबे समय तक रह सकता है और यह भी हो सकता है कि यह कभी न जाए।

एक प्रेस ब्रीफिंग में डॉक्टर माइकल रेयान ने कहा कि हो सकता है कि यह वायरस कभी दूर न जाए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के बिना पर्याप्त मात्रा में इम्यूनिटी बढ़ाने में लोगों को कई साल लग सकते हैं। डॉक्टर रेयान ने कहा कि मुझे लगता है कि लोगों के सामने यह बात लाना जरूरी है। हो सकता है कि यह वायरस हमारे बीच एक और स्थानीय वायरस बन कर रह जाए, ठीक वैसे ही जैसे कि एचआईवी जैसे अन्य रोग जो कभी खत्म नहीं हो सके। लेकिन इनके प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने पूर्वानुमान लगाया है कि कोरोना वायरस महामारी विश्व अर्थव्यवस्था को इस वर्ष 3.2 फीसदी तक घटा सकती है, जो 1930 के दशक की मंदी के बाद सबसे खराब आर्थिक गिरावट होगी। संयुक्त राष्ट्र की मध्यवर्षीय रिपोर्ट बुधवार को जारी की गई, जिसमें कहा गया है कि COVID-19 की वजह से वैश्विक आर्थिक उत्पादन में लगभग 8.5 ट्रिलियन डॉलर की कमी आने की उम्मीद है।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक करीब 13 करोड़ लोग अत्यधिक गरीब श्रेणी में शामिल हो सकते हैं, जो गरीबी और भूख को मिटाने के वैश्विक प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह महामारी गरीबी और असमानता को भी बढ़ावा देगी। इसके अलावा 2020 में करीब 3 करोड़ 40 लाख लोगों के गरीबी रेखा से नीचे जाने की संभावना है। इनमें से 56 फीसदी लोग सिर्फ अफ्रीका के हो सकते हैं।

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