कोरोना वायरस के खिलाफ पूरी दुनिया में जंग जारी है। इस वायरस से लाखों लोगों की जानें जा चुकी हैं और करीब दस करोड़ लोग इसके संक्रमण की चपेट में हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर इस जानलेवा वायरस का जन्मदाता है कौन ?इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उसकी एक दस सदस्यीय टीम एक बार फिर से कोरोना की उत्तपति की जांच के लिए चीन के बुहान शहर का दौरा कर जांच करेगी। इस बीच डब्ल्यूएचओ की टीम बीते 14 जनवरी को चीन के वुहान शहर पहुंची थी और इसके 14 दिन का पृथक-वास पूरा करने के बाद आज 27 जनवरी से अपना काम शुरू करने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के लिए सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराया है।
इस सब के बीच चीन में कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले एक व्यक्ति के बेटे ने पूरी दुनिया में महामारी फैलाने वाले विषाणु के उत्पत्ति स्थल का पता लगाने चीन के वुहान शहर पहुंची विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम से मिलने की मांग है। इस व्यक्ति ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों की टीम को उन प्रभावित परिवारों से मिलना चाहिए जिनका आरोप है कि चीन सरकार उनकी आवाज दबा रही है।
इससे पहले चीन ने महीनों तक चली बातचीत के बाद डब्ल्यूएचओ की टीम को वुहान शहर आने की अनुमति दी , जहां से कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत हुई थी। बता दें कि बीजिंग ने फिलहाल ऐसा कोई भी संकेत नहीं दिया है कि इन विशेषज्ञों को साक्ष्य जुटाने या प्रभावित परिवारों से मिलने की अनुमति दी जाएगी। उसने सिर्फ इतना कहा है कि टीम चीनी वैज्ञानिकों के साथ विचारों का आदान-प्रदान कर सकती है।
डब्ल्यूएचओ की टीम से मिलने की मांग करने वाले झांग हाइ ने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ झूठ फैलाने का माध्यम नहीं बनेंगे।’ झांग के पिता की एक फरवरी 2020 को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘हम सच की तलाश में हैं। यह एक आपराधिक कृत्य था और मैं नहीं चाहता कि डब्ल्यूएचओ की टीम इन आपराधिक कृत्यों पर पर्दा डालने के लिए चीन पहुंची हो।’
चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी के लिए किए गए आग्रह पर तत्काल कोई जवाब नहीं दिया है।