इसराइल ने अमरीका की दो मुसलमान महिला सांसदों के प्रवेश पर बैन लगा दिया है। ये महिलाएं प्रमुख रूप से इसराइल सरकार की आलोचक हैं।
इल्हान उमर और रशीदा तलैब अगले हफ़्ते इसराइल के नियंत्रण वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी यरूशलम जाने वाली थीं। लेकिन इसराइल ने उनके प्रवेश को रोक दिया है।
रशीदा फ़लस्तानी मूल की पहली अमरीकी सांसद हैं। ये मिशिगन में पैदा हुई थीं और इल्हान मिनेसोटा से हैं, लेकिन उनका जन्म सोमालिया में हुआ था।
ये वहीं महिलाएं हैं जिन्हें ट्रम्प अपने देश का ‘कलंक’ कहते हैं……

इन महिलाओं और ट्रंप के बीच विवादों का इतिहास रहा है। ट्रंप इन पर नस्लीय हमले करते रहे हैं। वे इन महिलाओं को उनके अपने देश वापस जाने की बात भी कह चुके हैं।
इल्हान उमर ने इसराइल के इस क़दम को लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान और मित्र राष्ट्रों के सरकारी अधिकारियों के लिए डरावनी प्रतिक्रिया बताया है।
इससे पहले राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ट्विटर के ज़रिए इन महिला सांसदों के इसराइल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए लिखा था कि इन्हें इसराइल में घुसने देना एक ‘बड़ी कमज़ोरी’ होगी।
ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा, “इसराइल अगर आदरणीय उमर और आदरणीय तलैब को अपने देश में घुसने की इजाज़त देता है तो यह उसकी बड़ी कमज़ोरी होगी। ये दोनों अमरिकी सांसद इसराइल के लोगों से और यहूदियों से नफ़रत करती हैं और ऐसा कुछ भी नहीं किया जा सकता जो इनकी सोच बदल दे। मिनिसोटा और मिशिगन के लिए उन्हें दोबारा चुनना बहुत मुश्किल होगा। ये दोनों एक कलंक हैं।”

अमरीकी मीडिया के अनुसार इन महिला सांसदों की यह यात्रा रविवार से शुरू होने वाली थी जिसका अहम पड़ाव येरूशलम का वो संवेदनशील पहाड़ी पठार है जिसे यहूदी टेंपल माउंट और मुसलमान हरम अल-शरीफ़ के नाम से जानते हैं।
इस यात्रा में उनकी योजना फ़लस्तीन की शांति कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात, येरुशलम और वेस्ट बैंक के शहर बेथलेहम, रामल्ला और हेब्रोन जाने की थी।