अपने विवादित बयानों से ज़्यादातर चर्चा में रहने वाले ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो ने अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है। बोलसोनारो ने यह दावा किया है कि डब्ल्यूएचओ युवाओं को समलैंगिक बनने और हस्तमैथुन करने के लिए उकसाता है। बोलसोनारो ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए WHO पर विवादित आरोप लगाए जबकि बाद में उन्होंने ये पोस्ट डिलीट कर ली।
बोलसोनारो ने फेसबुक पर क्या लिखा
बोलसोनारो ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के डोउब्लूएचओ पर चीन का पक्ष लेने के आरोपों का समर्थन किया था। इसके अतिरिक्त लगातार वे कोरोना संक्रमण के खिलाफ वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन की सुझाई सोशल डिस्टेंसिंग की नीति का भी विरोध कर रहे हैं। बीते बुधवार को उन्होंने फेसबुक पर लिखा, “कुछ लोग मुझसे कह रहे हैं कि कोरोना संक्रमण के मामले में डब्ल्यूएचओ की कही बातों का अनुसरण करूं। हमें क्या उनकी एजुकेशन पॉलिसी गाइडलाइंस का भी पालन करना चाहिए? जीरो से चार साल के बच्चों के लिए अपने शरीर के कुछ विशेष हिस्सों को छूने से संतुष्टि और खुशी हासिल करना तथा चार से छह साल के बच्चों को हस्तमैथुन की सलाह। इतनी कम उम्र के बच्चों को हस्तमैथुन की सलाह देना और समलैंगिक रिश्तों के लिए उकसाना। इसके अतिरिक्त 9 से 12 साल की उम्र में पहले सेक्सुअल एक्सपीरियंस की भी वकालत करना।”
बोलसोनारो की बात में कितनी सच्चाई
बोलसोनारो ने WHO की नीति, समलैंगिकता या हस्तमैथुन को लेकर जो दावे किए हैं वो सभी गलत पाए गए है। इससे पूर्व बोलसोनारो के सलाहकार आर्थर विनट्रब ने भी अपने ट्वीट में इसी तरह के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस जीरो से चार साल के बच्चे को हस्तमैथुन, अपने शरीर के अंगों का सुख और संतुष्टि-ख़ुशी हासिल करने के तरीकों के बारे में जानकारी देने की वकालत करती है। क्या ये सही है?”
डब्ल्यूएचओ ने साल 2010 में ‘स्टैण्डर्ड फॉर सेक्सुअल एजुकेशन इन यूरोप’ नाम की एक हेल्थ और सेक्सुअल हराश्मेंट की गाइडलाइंस जारी की थीं। इसमें सलाह दी गई थी कि बच्चों को सेक्सुअल हराश्मेंट के प्रभाव से बचाने के लिए कम उम्र में ही उन्हें अंगों और अन्य कई चीज़ों की जानकारी दे देनी चाहिए जिससे वह पता लगा सके कि उनके साथ क्या हो रहा है।
इसके साथ ही बड़े हो रहे बच्चों को अपने शरीर के प्रति जो जिज्ञासा हैं उसे शांत करने के लिए एजुकेशन पॉलिसी में ज़रूरी बदलाव के भी सुझाव दिए गए थे। बोलसोनारो की ओर से जो बातें शेयर की हैं वो सभी डब्ल्यूएचओ के विरुद्ध यूरोप और अमेरिका में फैलाए गए फार राइट ग्रुप्स के प्रॉपगेंडा का हिस्सा है। बोलसोनारो गुज़रे कुछ दिनों ब्राजीलिया में बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए लॉकडाउन के विरुद्ध आयोजित एक रैली में शामिल हुए थे। ब्राजील में अभी तक कोरोना संक्रमण के 87,000 से ज्यादा मामले आ चुके हैं तो वहीं 6000 से ज्यादा लोगों की इससे मौत भी हो गई है।