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व्हाइट हाउस का दावा- सूरज की रोशनी, गर्म तापमान और ह्यूमिडिटी से नष्ट होता है कोरोना

व्हाइट हाउस का दावा- सूरज की रोशनी, गर्म तापमान और ह्यूमिडिटी से नष्ट होता है कोरोना

कोरोना वायरस महामारी से अमेरिका सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। वर्तमान में यहां कोरोना वायरस संक्रमितों के कुल 8 लाख 60 हजार से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें से 50 हजार से अधिक तो अमेरिकी नागरिकों की ही जान जा चुकी है। अमेरिका के घरेलू सुरक्षा विभाग अति उन्नत बायो कन्टेनमेंट लैब के नवीनतम शोध के मुताबिक सूरज की रोशनी कोरोना को खत्म कर सकती है जबकि गर्म तापमान और ह्यूमिड मौसम वायरस को नुकसान पहुंचाता है।

तापमान और ह्यूमिडिटी के असर को देखकर किए गए इस शोध को हफ्तों से ही ट्रैक्शन मिल रहा है। इस नवीनतम शोध को शोध वेबसाइटों पर ज्यादा से ज्यादा डाउनलोड किया जा रहा है। परंतु अमेरिकी सरकार ने पहली बार कोरोना वायरस पर तापमान के परीक्षण के प्रारंभिक परिणामों पर आधिकारिक मुहर लगाई है। यह शोध व्हाइट हाउस में गुरुवार को जारी किया गया था। शोध में कहा गया है, “सूरज की किरणें कोविड-19 को मार देती हैं। जबकि गर्म तापमान और ह्यूमिडिटी वायरस को नुकसान पहुंचाते हैं, और इससे वायरस का जीवन और इसकी शक्ति आधी हो जाती है।”

गर्म तापमान में कमजोर होता है कोरोना

अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा लग रहा है। जैसे कोरोना वायरस सूरज की तेज रोशनी, गर्मी और उमस में तेजी से कमजोर पड़ता जा रहा है। इस अधिकारी ने गुरुवार को दावा भी किया है कि आने वाले मौसम में जब गर्मियां शुरू हो जाएंगी तो महामारी के संक्रमण की आशंका कम हो सकती है। अमेरिका की सरकार की तरफ से हुए रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि वायरस घर में और शुष्‍क परिस्थितियों में जीवित रहता है।

परंतु जैसे ही यह अधिक तापमान और उमस के माहौल में आता है तो यह कमजोर पड़ जाता है। होमलैंड सिक्‍योरिटी के साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी की ओर से रिसर्च हुई है और इसके कार्यकारी मुखिया विलियम ब्रायन की ओर से यह बात भी कही गई है। व्‍हाइट हाउस में हुए न्‍यूज ब्रीफिंग के दौरान ब्रायन ने कहा, “वायरस सूरज की तेज रोशनी में शीघ्रता से खत्‍म हो जाता है।”

रिसर्च के मुताबिक जो नतीजे आए हैं उनसे उम्‍मीद जगी हैं कि कोविड-19 दूसरी बीमारियों जैसे फ्लू की तरह ही बर्ताव करेगा जोकि गर्म मौसम में कम संक्रामक होती हैं। परन्तु कोरोना वायरस सिंगापुर जैसे देशों में काफी खतरनाक साबित हो रहा है जहां पर मौसम हर वक्त गर्म ही रहता है। राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रप ने कहा कि रिसर्च के नतीजों में बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने पुरानी रिसर्च का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस गर्मी में कमजोर पड़ सकता है।

पहले भी कह चुके हैं राष्ट्रपति ट्रंप

राष्‍ट्रपति ट्रंप ने ब्रीफिंग में कहा, “मैंने पहले भी कहा था कि कोरोना वायरस गर्मी और तेज रोशनी में खत्‍म हो सकता है मगर तब लोगों को मेरा बयान पसंद नहीं आया था।” अमेरिका के 16 राज्‍य अब अर्थव्‍यवस्‍था को फिर से खोलने और प्रतिबंधों में ढील देने की रणनीति बना रहे हैं। जॉर्जिया और साउथ कैरोलिना में भी फिर से लोगों को बिजनेस खोलने की मंजूरी दे दी गई है। ट्रंप का प्रशासन कहता है कि राज्‍यों के पास जब तक इस बात का का कोई सबूत नहीं है कि उनके यहां संक्रमण के केेसेज में गिरावट आई है तब तक उन्‍हें थोड़ा इंतजार करना चाहिए।

MIT की स्‍टडी में कही गई ऐसी बात कुछ दिनों पहले ही प्रतिष्ठित मेसाच्‍यूसेट्स इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (एमआईटी) की ओर से हुए एक रिसर्च में भी इसी प्रकार का दावा किया गया है। एमआईटी की तरफ से हुए रिसर्च के मुताबिक जिन जगहों पर तापमान 4 से 10 डिग्री के मध्य था वहां पर कोरोना के नए केसो में तेजी से इजाफा हुआ था। रिसर्च के अनसार 10 मार्च के बाद केसो में बहुत तेजी से बढ़ोतरी देखी गई थी और तो और जिन जगहों पर भी तापमान 18 डिग्री से नीचे रहा वहां पर मरीजों की संख्‍या बढ़ोतरी हुई थी। जबकि कुछ लोगों ने रिसर्च को मानने से इनकार भी कर दिया था।

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