दुनिया इस समय कोरोना महामारी से जूझ रही है तो वहीं ब्रिटेन में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों को हटाने की तैयारी कर रहा था कि फिर से संक्रमण के बढ़ते मामलों ने विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों ने तीसरी लहर की सरकार को चेतावनी दी है और साथ ही अनलॉक योजना को फिलहाल रोकने की अपील की है।
विशेषज्ञों ने देश में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए सरकार को आगाह किया है। इसके साथ ही उन्होंने अपील की है कि देश को पूरी तरह से अनलॉक करने की योजना को फिलहाल टाल दिया जाए। ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि अस्पताल में भर्ती होने और नए वायरस से होने वाली मौतों की संख्या दिन पर दिन और बढ़ सकती है।
अत्यधिक संक्रामक डेल्टा का परिणाम
ब्रिटेन सरकार ने भारत में पाए गए कोरोना वैरियंट ‘डेल्टा’ को बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण फैलने का परिणाम बताया है। ब्रिटेन में फैले ‘डेल्टा’ कोविड स्ट्रेन ने ब्रिटेन को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है और ये वैरियंट चार नए मामलों में तीन से अधिक के लिए जिम्मेदार है।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भारतीय मूल के वैज्ञानिक रवि गुप्ता की ओर से बताया गया कि अब भी देश में संक्रमण दर कम है, लेकिन सबसे पहले जिस कोविड स्ट्रेन (बी1.617.2) के मामले भारत में सामने आए थे वह यहां हालिया समय में तेज रफ़्तार से बढ़ रहे हैं। हालातों को देखते हुए उन्होंने सरकार से आग्रह किया गया है कि फ़िलहाल लॉकडाउन हटाने की योजना को अभी और कुछ दिनों के लिए रहने दिया जाएं।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुप्ता का कहना है कि लेकिन इस बीच राहत की बात ये है कि देश टीकाकरण के उस स्तर तक पहुंचने से दूर नहीं हैं जो हमें वायरस को रोकने में सहयोग करेगा। लेकिन इसी के साथ प्रोफेसर गुप्ता ने चेतावनी भी दी है। उनका कहना है शुरुआत में लहरें धीमी गति से आती है लेकिन बाद में ये विकराल रूप ले लेती हैं। अभी मामले कम हैं तब भी हमें सचेत रहने की आवश्यकता है।
कई देशों द्वारा कई बार आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन से हुई है। वहीं अमेरिकी अधिकारियों ने चीन की लैब से कोरोना वायरस फैलने की खुफिया रिपोर्ट के बीच एक बड़ी चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर हम पूरी तरह से कोरोना की उत्पत्ति का पता लगाने में असफल रहते हैं तो दुनिया को भविष्य में कोविड-26 और कोविड-32 जैसी महामारियों का सामना करना होगा ।