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ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे

भारत और रूस दोनों चाहते हैं कि परंपरागत दोस्ती का निर्वाह करते हुए विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा जाए

एक समय जब दुनिया दो धु्रवों में बंटी हुई थी, तब भारत और रूस के बीच दोस्ताना संबंध काफी गहरे थे। लेकिन सोवियत संघ के विघटन के बाद जब दुनिया एक धु्रवीय हुई तो इन दोस्ताना संबंधों पर भी असर पड़ा। संबंधों में बदलाव आए। चीन की तरफ भी रूस का झुकाव देखा गया। लेकिन चीन के साथ ही रूस अपने परंपरागत मित्र भारत का साथ भी बनाए रखना चाहता है। यही वजह है कि भारत और रूस एक बार फिर मिल रहे हैं। हाल ही में रूसी विदेशी मंत्री सर्गेई लावरोव भारत की यात्रा पर आए थे। क्वाड की बैठक के बाद रूस और भारत के रिश्तों में थोड़ी खट्टास आ गई थी क्योंकि क्वाड की बैठक में न तो चीन शामिल था और न ही रूस। रूस और चीन ने क्वाड के सामने अपना एक नया मंच भी बनाया है। जहां वह क्षेत्रीय मुद्दे और रक्षा से संबंधित विषयों पर विचार साझा करेंगे।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिले थे, तो भारत -रूस रिश्तों के बारे में उन्होंने अपने अंदाज में आश्वस्त करने की कोशिश की थी। हाल में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत की दो दिवसीय विदेश यात्रा पर आए तो इसे दोेनों देशों के बीच पुरानी दोस्ती को नया रूप देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। भारत ने जब रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने की बात कही तो अमेरिका नाराज हो गया था। उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड टंªप थे, उन्होंने भारत को धमकी दी थी कि अगर वह रूस से एस-400 खरीदता है तो वह भारत पर प्रतिबंध लगा देगा। नई दिल्ली में हुई इस बैठक में रूसी विदेश मंत्री का स्वागत भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य अधिकारियों ने किया। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बैठक में कहा कि ‘भारत और रूस काफी पुराने रणनीतिक साझेदार हैं और दोनों देश पुरानी दोस्ती की बुनियाद पर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक और द्विपक्षीय संबंध अपने उच्चतम स्तर पर रहे हैं और ये उस वक्त भी जारी हैं, जब पूरी दुनिया कोविड-19 के चलते समस्याओं से घिरी हुई है।

लावरोव ने आगे कहा कि भारत और रूस दिल से जुड़े हुए हैं। दुनिया के मुद्दों पर भी दोनों देशों के बीच में मित्रता है। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने साझा प्रेस काॅन्फ्रेंस की। प्रेस कान्फ्रेंस में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘भारतीय और रूसी राजनयिकों के बीच हुई बैठक का केंद्र बिन्दु रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का इस साल होने वाला भारत दौरा है। भारत और रूस के बीच के द्विपक्षीय संबंध पहले की तरह की ऊर्जा से भरपूर होंगे और हम भविष्य में भी एक साथ आगे बढ़ने के हक में हैं।’ इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि ‘भारत और रूस के बीच पुरानी दोस्ती को और मजबूत करने के अलावा न्यूक्लियर, स्पेस और डिफेंस सेक्टर को लेकर बात की गई है।’ इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि ‘भारत और रूस के बीच इंटरनेशनल नाॅर्थ-साउथ काॅरिडोर और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक मेरीटाइम काॅरिडोर को जोड़ने को लेकर बात हुई है। बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि ‘दोनों देशों ने एक दूसरे के देश में और ज्यादा निवेश करने की बात पर सहमति जताई है। इसके अलावा भारत ने इसरो के बेहद महत्वपूर्ण गगनयान प्रोग्राम में रूसी मदद के लिए रूस की प्रशंसा की है।

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