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वैगनर चीफ को भारी पड़ा विद्रोह

हाल ही में रूस में हुए विमान हादसे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन फॉरेंसिक जांच के बाद दुर्घटनास्थल पर मिले सभी शवों की पहचान कर ली गई है जिसमें वैगनर चीफ येवेगेनी प्रिगोझिन का शव भी शामिल है। कहा जा रहा है। प्रिगोझिन की मौत का मास्टर प्लान दो महीने पहले ही तय हो गया था। तब प्रिगोझिन के विद्रोह चलते पुतिन की साख को खासा नुकसान पहुंचा था। अब प्रिगोझिन की मौत को व्यापक रूप से पुतिन की बदले की कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि उन्हें इस विद्रोह की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है

 

रूसी राष्ट्रपति पुतिन

पिछले महीने यानी 23 अगस्त को रूस की राजधानी मॉस्को में एक विमान दुर्घटना में 10 लोगों की मौत हो गई थी। तब से यही माना जा रहा था कि मृतकों में निजी सैन्य समूह ‘वैगनर ग्रुप’ के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन भी शामिल हैं। जिसकी अब रसिया की जांच समिति ने पुष्टि कर दी है। दरअसल प्रिगोझिन जून में रूस की सरकार के खिलाफ बगावत का एलान करते हुए वैग्नर लड़ाकों को मॉस्को की ओर मार्च का आदेश देने के बाद से चर्चा में आया था।

रूस की जांच समिति ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि देश के निजी सैन्य संगठन ‘वैगनर’ के प्रमुख प्रिगोझिन की एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई है। कई दिनों से पूरी दुनिया में प्रिगेझिन की मौत पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन, समिति ने अब एक बयान में कहा कि फॉरेंसिक जांच के बाद, दुर्घटनास्थल पर मिले सभी 10 शवों की पहचान कर ली गई है। ऐसे में रूस पर कई सवाल उठ रहे हैं तो राष्ट्रपति पुतिन पर गंभीर आरोप लग रहे हैं, लेकिन मॉस्को इससे इनकार कर रहा है।

गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सत्ता को चुनौती देने वाले सशस्त्र विद्रोह का प्रिगोझिन के नेतृत्व करने के दो महीने बाद यह घटना घटी है ।निजी सेना वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन और उनके समूह के शीर्ष अधिकारियों की एक विमान दुर्घटना में मौत को व्यापक रूप से रूस के बदले की कार्रवाई और हत्या के रूप में देखा जा रहा है। दो महीने पहले प्रिगोझिन की बगावत ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की साख को खासा नुकसान पहुंचाया था।

रूस के लोग अफवाहों और साजिशों में बहुत रुचि दिखाते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि क्रेमलिन की तरफ से जो आधिकारिक खबर आती है, वह पक्षपातपूर्ण होती है। ऐसे में एक विमान हादसे की खबर जैसे ही आई, जिसके यात्रियों में कुख्यात प्रिगोझिन भी थे, तो आग की तरह अफवाहें फैल गईं। संभव है प्रिगोझिन उस विमान में न रहा हो और भूमिगत हो जाने के लिए उसने यह अफवाह फैलाई हो। या हो सकता है कि पुतिन ने प्रिगोझिन को किसी गोपनीय तहखाने में कैद कर रखा हो। मुमकिन है कि यूक्रेन के लोगों ने प्रिगोझिन का विमान ध्वस्त किया हो, क्योंकि प्रिगोझिन ने अपने लड़ाकों के साथ मिलकर यूक्रेन में भारी तबाही मचाई थी।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ठग से कैटरर, कैटरर से सिपहसालार, फिर पुतिन का नजदीकी आदमी बन जाने वाले प्रिगोझिन के लिए, जिसने रूस के सैन्य नेतृत्व से हिसाब चुकता करने के लिए जून में अपने वैगनर ग्रुप को मॉस्को पर चढ़ाई करने भेज दिया था, कोई भी काम असंभव नहीं था। ऐसे लोगों की भी लंबी सूची है, जो प्रिगोझिन की मौत चाहते थे। इनमें रूसी सैन्य नेतृत्व से लेकर यूक्रेन के लोग हैं, तो अफ्रीका और सीरिया के वे विद्रोही भी हैं, जिन्हें प्रिगोझिन ने अपने लड़ाकों के जरिए कुचल दिया था। लेकिन पुतिन के रूस में दमन के सिलसिले को देखें, तो यह विमान हादसा ठीक वैसा ही है, जैसा कि इसे समझा जा रहा है। यानी एक निर्दयी शासक द्वारा एक असुविधाजनक प्रतिद्वंद्वी की हत्या। इसे बेशक कभी साबित नहीं किया जा सकेगा, संभव है कि पुतिन प्रिगोझिन को मरणोपरांत सम्मानित करें और उसे देशभक्त बताएं। शायद प्रिगोझिन की मौत के लिए पुतिन फासिस्ट यूक्रेन और धोखेबाज पश्चिम को जिम्मेदार ठहराएं। लेकिन फिलहाल तो तमाम उंगलियां पुतिन की ओर ही उठ रही हैं।

अलबत्ता तानाशाही की क्रूर तार्किकता में देखें, तो पुतिन के पास और कोई विकल्प भी नहीं था। हालांकि विगत जून में जब प्रिगोझिन ने रूसी सैन्य नेतृत्व को चुनौती दी थी। तब भी उसने खासकर पुतिन के प्रति निष्ठा जताने की कोशिश की थी। मगर वह घटना सीधे-सीधे पुतिन के शासन को खुली चुनौती थी। पुतिन ने उस पर जो पहली प्रतिक्रिया दी थी, उसमें प्रिगोझिन का बेशक उल्लेख नहीं था, पर वह चेतावनी थी। उन्होंने कहा था कि बगावत की तैयारी करने वालों ने रूस को धोखा दिया। पुतिन के शब्दकोश में इसका अर्थ मृत्युदंड था, क्योंकि वही रूस है।

विद्रोह की उस घटना के बाद पुतिन ने उसी चालाकी का परिचय दिया, जिसके जरिए वह पिछले 20 सालों से सत्ता में हैं। उन्होंने प्रिगोझिन को बेलारूस जाने के लिए कहा, उस पर लगाए गए तमाम आरोप उन्होंने वापस ले लिए, क्रेमलिन में उसे बातचीत के लिए बुलाया जो तीन घंटे चली। फिर प्रिगोझिन को रूस में कहीं भी आने- जाने की अनुमति दे दी।
प्रिगोझिन ने समझ लिया कि उसे माफ कर दिया गया है। उसने दावा किया कि सेंट पीट्सबर्ग में हुए रूस-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में वह मौजूद था, हालांकि इसका कोई सबूत नहीं मिला। फिर विमान हादसे से दो दिन पहले उसने वैगनर ग्रुप के लिए एक भर्ती अभियान का वीडियो जारी किया, जिसकी शूटिंग कथित रूप से अफ्रीका में हुई थी और जिसमें एक मैदान में प्रिगोझिन पूरी सैन्य वर्दी में दिखाई पड़े थे।

प्रिगोझिन के प्रति कथित उदारता का परिचय देने के बाद पुतिन ने पिछले महीने 23 अगस्त को जब वैगनर ग्रुप के विद्रोह के ठीक दो महीने पूरे हो रहे थे तो पहला कदम उठाया, जब उन्होंने यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई से जुड़े पूर्व सैन्य कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन को पदावनत कर दिया। हालांकि विद्रोह के बाद से ही सर्गेई को सार्वजनिक तौर पर देखा नहीं जा रहा था और उसी शाम प्रिगोझिन का विमान ध्वस्त हो गया।

कहा जा रहा है कि प्रिगोझिन की नियति दो महीने पहले ही तय हो गई थी। विमान के ध्वस्त होने की जो भी वजह हो, पुतिन के करीबियों को इसका संदेश बखूबी समझ में आ गया होगा। कोई चाहे कितनी भी चापलूसी कर लें प्रिगोझिन जिसके उस्ताद थे, या क्रेमलिन के प्रति निष्ठा का किसी का इतिहास कितना भी पुराना क्यों न हो, पुतिन को चुनौती देने वाले बच नहीं पाएंगे।

यह पहले ही स्पष्ट था कि पुतिन के रूस में विश्वासघात की माफी नहीं है। रूसी जासूसी एजेंसी केजीबी से अलग होने वाले एलेक्सांद्र लितविनेन्को की जान रेडियोधर्मी पोलोनियम से ली गई थी, तो दूसरे को नोविचोक नर्व एजेंट के जरिए मारने की कोशिश हुई थी। ऐसे ही पुतिन के सबसे बड़े विरोधी अलेक्साई नवलनी को जहर देकर मारने की कोशिश हुई और कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। इन सबसे यही साबित होता है कि रूस में किसी भी तरह के विरोध को सहन नहीं किया जा सकता। यूक्रेन पर हमले के बाद सीधे-सीधे पुतिन की प्रतिष्ठा से जुड़ा है, जिसमें रूस को भारी नुकसान हुआ है, रूस में सत्ता के प्रति निष्ठा की अपेक्षा और भी ज्यादा है। हो सकता है आने वाले दिनों में विमान दुर्घटना का दूसरा कारण सामने आए, और पता चले कि इसमें पुतिन का हाथ नहीं था। उससे यही साबित होगा कि प्रिगोझिन को निशाना बनाने वाला पुतिन से ज्यादा होशियार निकला।

कौन था प्रिगोझिन
येवगेनी प्रिगोझिन का जन्म वर्ष 1961 में लेनिनग्राड में हुआ था। लेनिनग्राड को अब सेंट पीट्सबर्ग के नाम से जाना जाता है। साल 1981 में येवगेनी को मारपीट, डकैती और धोखाधड़ी का दोषी पाए जाने पर 13 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि सोवियत यूनियन के पतन के बाद येवगेनी को 9 साल की सजा के बाद ही रिहा कर दिया गया था।

वैगनर ग्रुप को किया तैयार
येवगेनी प्रिगोझिन ने ही रूसी सेना के समर्थन से एक निजी आर्मी बनाई, जिसे वैगनर ग्रुप का नाम दिया गया। इस निजी आर्मी में रिटायर्ड सैन्य अधिकारी, जवानों को शामिल किया गया। आरोप लगते रहे हैं कि वैगनर ग्रुप में अपराधियों को भी शामिल किया जाता है। वैगनर ग्रुप को सरकार का भी समर्थन मिला। आरोप है कि वैगनर ग्रुप सीरिया, लीबिया, माली और सेंट्रल अफ्रीकी देशों में भी क्रूर मिशनों को अंजाम दे चुका है। जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो वैगनर ग्रुप के लड़ाकों को ही अग्रिम मोर्चे पर तैनात किया गया। वैगनर ग्रुप के बढ़ते दबदबे के चलते ही येवगेनी प्रिगोझिन का भी रूस के शीर्ष नेतृत्व में दबदबा भी बढ़ा है और प्रिगोझिन को पुतिन के अगले उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जाने लगा था।

 

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