जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त करने और राज्य को दो भागों में विभाजित कर केंद्र शासित प्रदेश बनाये जाने की खबरों को विश्व मीडिया ने अपने.अपने नजरिए से पेश किया है। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार ‘इतिहासकार और कानून विशेषक्षों का मानना है कि अन्च्छेद 370 धारा भारत के राष्ट्रपति का आदेश असवैधनिक है।’ इस खबर में यह भी आशंका व्यक्त की गई है कि कश्मीर में हालात ज्यादा खराब हो जायेगे और कश्मीर की जनता इसका पुरजोर विरोध् करेगी।
खाड़ी के महत्वपूर्ण अखबार ‘खलीज टाइम्स’ में कश्मीर का मुद्दा छाया हुआ है। 6 अगस्त को इस अखबार में छपा जम्भू -कश्मीर में बैचेनी भरी शांति है। अमेरिका ने भारत को कश्मिरियों के अधिकारो का सम्मान करने को कहा है।
तुर्की के समाचार पत्रा हुर्रियत डेली न्यूजष के तेवर ज्यादा कड़े रहे हैं। उसका मानना है कि भारत सरकार कश्मीर की डेमोग्रापफी को बदलने यानी घाटी को हिंदु बाहुल्य रखना चाहती है। महबूबा मुफ्रती के बयान को इस अखबार ने प्रमुखता से छापा है जिसमें उन्होंने सरकार के इस कदम को भारतीय लोकतंत्रा का सबसे काला अध्याय कहा है।
द न्यूर्याक टाइम्स ने भी आशंका जताई है कि अब कश्मीर में स्थिति ज्यादा खराब हो सकती है।
ब्रिटेन के न्यूज चैनल ष्इंडिपेन्डटष् ने पाकिस्तान संग लड़ाई की बात कह डाली है। पाकिस्तान के प्रधनमंत्राी इमरान खान के हवाले से इसकी एक खबर में कहा है कि पाक सेना भारत संग यु; के लिए तैयार हैं। पाकिस्तानी पफौज के जनरल उमर जावेद बाजवा का जिर्क करते हुए ष्इडिपेन्डेन्टष् कहता है बाजवा ने सेना को कश्मीरियों की किसी भी हद तक मदद करने के लिए तैयार रहने को कहा है।
नेपाल के समाचार पत्रों ने इस मामले में सयंम बरता है और केवल जम्मू कश्मीर पर सरकार के निर्णय को ही खबर बनाया है।
विश्व मीडिया को कश्मीर के हालात बिगड़ने की आशंका
