पूरी दुनिया में एक बार फिर कोरोना अपने नए रूप के साथ कहर बरपा रहा है। जिसके चलते कई देशों में लॉक डाउन और प्रतिबंध लगाएं जा रहे हैं। वहीं कई यूरोपीय देशों में तो लॉकडाउन को आजादी खत्म करने से जोड़ दिया जा रहा है। ऐसा ही कुछ दृश्य नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम से नजर आ रहा है।
दरअसल, नीदरलैंड में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन सहित कई प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन डच लोग कोविड के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। सरकार के नियमों के विरोध में हजारों डच नागरिक एम्स्टर्डम के सेंट्रल म्यूजियम स्क्वायर में एकत्र हुए। हजारों लोगों ने पीले छाते लिए और संगीत बजाते हुए रैली की, लेकिन रैली बाद में दंगे में बदल गई।
कई प्रदर्शनकारियों ने मार्च किया, कुछ ने नारेबाजी की। प्रदर्शन में कुछ प्रदर्शनकारी पीपीई किट पहनकर आए। लेकिन वे खुलेआम सामाजिक दूरी का उल्लंघन कर रहे थे। प्रदर्शन को रोकने के प्रयास के दौरान पुलिस और नागरिकों के बीच हाथापाई भी हुई। एक वायरल वीडियो में नजर आता है कि एक अनियंत्रित नागरिक को काबू में करने के लिए डच पुलिस ने अपने कुत्ते का इस्तेमाल किया। कुत्ता नागरिक का हाथ पकड़कर उसे रोक रहा है। पुलिस और नागरिकों के बीच संघर्ष में 30 नागरिक और चार पुलिस अधिकारी घायल हो गए।
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नीदरलैंड में पिछले एक हफ्ते से कोरोना वायरस संक्रमण की दर में लगातार गिरावट आ रही है। लेकिन ओमिक्रॉन के डर से लोगों को लॉकडाउन और तरह-तरह की पाबंदियों से मुक्त नहीं किया जा सका है। नीदरलैंड में 19 दिसंबर से लॉकडाउन लागू है और यह 14 जनवरी तक चलेगा। लॉकडाउन के कारण नीदरलैंड में बार, रेस्तरां, चिड़ियाघर, दुकानें, थिएटर, सिनेमाघर आदि बंद हैं। इसलिए लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि लॉकडाउन और प्रतिबंध हटाया जाए। डच सरकार द्वारा दो से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर सख्त प्रतिबंध लगाने के बावजूद लोग इस तरह सड़कों पर जमा हो रहे हैं। फ़िलहाल यह देखा जाना बाकी है कि सार्वजनिक आक्रोश के बाद क्या डच सरकार कोविड पर प्रतिबंध हटाने के लिए मजबूर होगी।