जब भारत में सुप्रीम कोर्ट राफेल डील से संबंधित तमाम याचिकाओं को खारिज कर रही थी, उसके ठीक एक दिन पहले पड़ोसी देश श्रीलंका की सुप्रीम कोर्ट ने संसद भंग करने के राष्ट्रपति के फैसले को असंवैधानिक करार दिया। इस फैसले से श्रीलंका की राजनीति में एक बार फिर नए सिरे से ऊबाल आ गया है। देश में राष्ट्रपति के फैसले की कड़ी आलोचना हो रही है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने अक्टूबर के अंत में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंधे को बर्खास्त कर उनकी जगह महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री बना दिया था। राष्ट्रपति के इस जनतंत्र विरोधी निर्णय का जब चैतरफा विरोध हुआ तो उन्होंने संसद भंग कर दी।
अब श्रीलंका में नयी राजनीतिक बयार बह सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के ताजा निर्णय के बाद रानिल विक्रमासिंधे की प्रधानमंत्री पद पर फिर से बहाली हो सकती है। संसद में विक्रमासिंधे को पार्टी और उनकी सहयोगी पार्टियों का बहुमत हासिल है। बारह दिसंबर को सेना ने रानिल विक्रमासिंधे को प्रधानमंत्री मानते हुए उनके समर्थन में एक विश्यवासमत भी पारित किया था।