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रूस – यूक्रेन विवाद : जर्मनी और पोलैंड में तैनात होंगे अमेरिकी सैनिक

रूस और यूक्रेन के बीच लबें समय से सीमा विवाद चल रहा है। इस विवाद पर दोनों देश लगातार बयानबाजी करते रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से यह बयानबाजी चरम पर पहुंच गई है। इससे दोनों देशों की सीमा पर तनाव का तापमान लगातार बढ़ रहा है। स्थिति युद्ध सी हो गई है। इसको देखते हुए अमेरिका ने एक अहम फैसला लिया है।

दरअसल,अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 1 फरवरी को यूक्रेन विवाद पर व्हाइट हाउस में पेंटागन के अफसरों के साथ एक इमरजेंसी मीटिंग की है। उसके के बाद 2 हजार अमेरिकी सैनिकों के जर्मनी और पोलैंड में तैनात करने का आदेश दिया है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी सैनिक बहुत जल्द इन देशों के लिए रवाना हो जाएंगे। बाइडेन का यह फैसला इसलिए अहम हो जाता है, क्योंकि अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन मसले पर बातचीत रुक गई है। दूसरी तरफ रूस यूक्रेन को तीन तरफ से घेर रहा है।

अमेरिका और नाटो सदस्यों देशों को आशंका है कि रूसी सैनिक बेलारूस की सीमा से यूक्रेन पर हमला बोल सकते हैं। यहां करीब 13 हजार रूसी सैनिक तैनात हैं। इस बीच मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,ब्रिटेन और कनाडा ने भी अपने और सैनिक यूक्रेन भेजे जाने को मंजूरी दे दी है।

गौरतलब है कि, इस तरह के हालत को देखकर रूस भी लगातार यूक्रेन सीमा के पास मिलिट्री डेवलपमेंट कर रहा है। 2 फरवरी को जारी की गई सैटेलाइट इमेज से इस बात का पुष्टि करती है। सैटेलाइट इमेज में क्रीमिया से लगी यूक्रेन बॉर्डर के पास रूसी सैनिकों के नया इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट नजर आ रहा है। इसी बजह से अमेरिका को आशंका है कि यूक्रेन और रूस के बीच अगर जंग छिड़ती है तो इसकी आंच नाटो सदस्यों दशों तक पहुंचेगी। इसलिए अमेरिका इससे निपटने की तैयारी में जुट गया है और अपने 2 हजार सैनिकों को जर्मनी और पोलैंड में तैनात करने का आदेश दिया है।खास बात यह है कि जर्मनी में पहले ही एक हजार अमेरिकी सैनिक और फाइटर जेट्स मौजूद हैं। अब पोलैंड और रोमानिया में भी सैनिकों की तैनाती की जा रही है। इस दौरान अमेरिका ने साफ किया है कि उसके सैनिक फिलहाल, यूक्रेन की धरती पर कदम नहीं रखेंगे। लेकिन पेंटागन के प्रवक्ता ने कहा है कि ‘अमेरिकी राष्ट्रपति रूस को साफ बता देना चाहते हैं कि अमेरिका किसी भी सूरत में यूक्रेन को अकेला नहीं छोड़ेगा’।

क्यों अहम है रोमानिया और पोलैंड?

रक्षविशेषज्ञों का मानना है कि यहाँ से अमेरिका बहुत कम समय में यूक्रेन की सीमा तक पहुंच सकता है। और अमेरिकी एयरफोर्स के बेस नाटो सदस्यों के कुछ ही देशो के पास मौजूद है। इसलिए अगर युद्ध होता है तो अमेरिका बड़े आसानी से
यूक्रेन सिमा पहुंच सकता है।

वही दूसरी तरफ, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने 1 जनवरी को कहा कि अमेरिका रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू करने के लिए उकसा रहा है। वो रूस की तरक्की पर लगाम लगाना चाहता है। इसके लिए आर्थिक प्रतिबंध लगाने का बहाना खोज रहा है और इस लक्ष्य को पाने के लिए यूक्रेन का इस्तेमाल कर रहा है।इतना ही नहीं पुतिन ने कहा है कि अगर यूक्रेन को नाटो में शामिल किया गया तो यह न सिर्फ रूस बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरनाक साबित होगा। यूक्रेन नाटो की सैन्य तकनीक और हथियार का इस्तेमाल क्रीमिया को वापस छीनने में कर सकता है। जिससे रूस और नाटो के बीच युद्ध हो सकता है।

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