अमेरिकी रिपोर्ट(American Report) जिसमें बच्चों को सेना में भर्ती किये जाने संबंधी जानकारियां हैं ,उसको ख़ारिज करते हुए पाकिस्तान ने इस लिस्ट से अपना नाम निकालने की माँग की है। दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्रालय (Foreign Minister) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान(Pakistan) और तुर्की(Turkey) बच्चों को सेना में शामिल कर रहे हैं। इस पर पाकिस्तान( Pakistan) ने सख़्त विरोध दर्ज किया है।
अख़बार दुनिया (Akhbaar Duniya) के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने से पहले अमेरिका की तरफ़ से किसी भी सरकारी संस्था से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया और ना ही कोई जानकारी माँगी गई है जिसकी बुनियाद पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) ने ना तो किसी नॉन-स्टेट एक्टर का समर्थन किया है और ना ही पाकिस्तान की किसी संस्था ने कम उम्र के बच्चों को सेना में भर्ती किया है या उनका इस्तेमाल किया है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि,” पिछले एक साल में पाकिस्तान ने ऐसे कई क़ानून बनाए हैं और ऐसे कई फ़ैसले किए हैं जिनमें बच्चों की मानव-तस्करी, जबरन भर्ती और प्रवासियों की तस्करी को रोकने के लिए क़दम उठाए गए है।”
बयान में कहा गया है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय से माँग की गई है कि वो इस रिपोर्ट में पाकिस्तान के बारे में जो बेबुनियाद दावे किए गए हैं, उन पर पुनर्विचार करे।
इस रिपोर्ट के आधार पर अमेरिका(America) दूसरे देशों को दी जाने वाली सैन्य मदद और शांति कार्यक्रमों के लिए दी जाने वाली मदद पर पाबंदी लगा सकता है।
वर्ष 2021 में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने जो रिपोर्ट निकाली है उसमें जिन देशों पर कम उम्र के बच्चों को सेना में भर्ती करने के आरोप लगाये गए हैं, उनमें पाकिस्तान और तुर्की के अलावा, अफ़ग़ानिस्तान, बर्मा, ईरान, इराक़, लीबिया, माली, कॉन्गो, नाइजीरिया, सोमालिया, सुडान, सीरिया, वेनेज़ुएला और यमन शामिल हैं।
पाकिस्तान(Pakistan) और तुर्की(Turkey) को पहली बार इस लिस्ट में शामिल
यह लिस्ट ऐसे विदेशी सरकारों की पहचान करता है जो सरकार समर्थित सशस्त्र समूहों की पहाचन करता है जो बाल सैनिकों की भर्ती करता है या उनका इस्तेमाल करता है। अमेरिका बाल सैनिक सुरक्षा कानून (सीएसपीए) वार्षिक व्यक्तियों की तस्करी (टीआईपी) रिपोर्ट में उन विदेशी सरकारों की सूची प्रकाशित करने को आवश्यक बनाता है जिन्होंने पिछले साल (एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक) बाल सैनिकों को भर्ती किया हो या उनका इस्तेमाल किया हो।
शब्द बाल सैनिक का अर्थ है 18 वर्ष से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति जो युद्ध में सीधे भाग लेता है या जिसे सरकारी सशस्त्र बलों, पुलिस या अन्य सुरक्षा बलों में जबरन भर्ती किया गया हो. इसका मतलब 15 वर्ष से कम उम्र के उस व्यक्ति से भी है जो स्वेच्छा से सरकारी सशस्त्र बलों, पुलिस या अन्य सुरक्षा बलों में भर्ती हुआ हो।