अमेरिका में एक ऐसी खौफनाक जेल (गुआतानामो) है, जहां मानवाधिकारों के कोई मायने नहीं। कैदियों पर यहां ऐसे जुल्म होते हैं कि देखने वालों की रूह कांप जाए। कई सरकारों ने इसे बंद करने का एलान किया लेकिन हुआ नहीं। वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इसे बंद करने का वादा किया था। इसलिए इन दिनों दुनिया की यह खतरनाक जेल चर्चा में है
जेल कोई नहीं जाना चाहता। आम जन को तो छोड़ दें अपराधियों तक के लिए दुनिया के कई जेल किसी नरक से कम नहीं है। ऐसे ही एक खरतनाक जेल इन दिनों काफी चर्चा में है। इस जेल में कैदियों को ऐसी हालत में रखा जाता है कि उनकी जिंदगी भी मौत की गुहार लगाती है। यहां कैदियों पर ऐसे जुल्म होते हैं, जो सुनता है वो हैरत में पड़ जाता है।
अमेरिका की यह बेहद डरावनी जेल ग्वांतनामो में है। दुनियाभर में यह जेल इस वक्त काफी चर्चा में हैं। पहले भी यह जेल चर्चाओं में रही है। कैदियों पर यहां बर्बरता की हदें पार कर दी जाती है। मानवाधिकार यहां कोई मायने नहीं रखता। जेल में निर्ममता के दृश्य आपको रोने पर विवश कर देंगे।
यह तस्वीर गुआंतानामो स्थित कैंप एक्स-रे डिटेंशन सेंटर की है। 11 जनवरी, 2002 को इस तस्वीर को लिया गया था। तस्वीर में 20 कैदी नारंगी वर्दी पहने घुटने पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। ये सभी कैंप में लाए गए शुरुआती कैदी थे। यह तस्वीर 9ध्11 हमलों के बाद की अमेरिका की विवादित डिटेंशन पाॅलिसी से जुड़ी सबसे चर्चित तस्वीरों में शामिल है। लगातार ऐसी तस्वीरें आने के बाद भी ये डिटेंशन सेंटर चालू है।
अमेरिका के माथे पर कलंक राॅयटर्स के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इस नारकीय जेल पर ताला लगाने की तैयारी में थे। लेकिन बाइडेन प्रशासन का कहना था कि इससे पहले जेल की एक बार समीक्षा की जाएगी। जिसके बाद ही इस पर कोई विचार किया जाएगा। संभव है समीक्षा के कुछ ही महीनों बाद इस जेल पर ताला देखने को मिले। लेकिन काफी समय के बाद भी इस जेल के न हालात बदल पाए हैं न ही इस पर ताला लगा है। गौरतलब है कि अमेरिकी चुनाव के दौरान बाइडेन ने इस खतरनाक जेल को बंद करने का विचार व्यक्त किया था।
दुनिया में मानवाधिकारों को लेकर अक्सर प्रदर्शन देखने को मिल जाते हैं। हाल के दिनों में म्यामांर में मानवाधिकार कार्यकर्ता सक्रिय रहे हैं। अमेरिका की इस जेल को लेकर भी एक्टिविस्ट चिंता में हैं। वह अमेरिका के माथे पर इसे कलंक बताते रहे हैं। कहा जाता है कि इस जेल में अमेरिकी कैदी ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के भी कई आतंकी कैद हैं। यहां करीब 40 खूंखार अपराधी अभी भी मौत से लड़ रहे हैं। इसे न्यूयाॅर्क में 9ध्11(11 सितंबर, 2001) आतंकी हमले के बाद खोला गया था। खुलते ही यह जेल एक यातना केंद्र बन गई। यहां ड्रेस कोड भी अनिवार्य है। कैदियों की पहचान यहां नारंगी पोशाक को माना जाता है। ज्यादातर सूचनाएं और जानकारी इस जेल के बाहर ही नहीं आती हैं।
हर कैदी पर साल भर में 5 करोड़ रुपये खर्च यह जेल दुनिया में सबसे खतरनाक होने के साथ-साथ सबसे महंगी भी माना जाता है। इस जेल में उन कैदियों को लाया जाता है जिन पर जेनेवा सम्मेलन के नियम या अमेरिकी कानून लागू नहीं होते हैं। अमेरिका ने इस जेल को खोलने के लिए वर्ष 1930 में जमीन को लीज पर लिया था। वर्ष 2002 में अफगानिस्तान के छूटे तीन कैदियों ने इस जेल की खौफनाक सच्चाई का खुलासा किया था। उस समय यहां 779 कैदियों को पिंजरेनुमा बाड़ों में बंद करके जानवरों की तरह रखा गया था। वर्ष 2002 से पहले इस जेल में कैदियों के साथ क्या होता आया है, इसका किसी को कुछ पता नहीं था। अफगानी कैदियों के खुलासे के बाद इस जेल की कुछ तस्वीरें वायरल भी हुई थीं।
जाॅर्ज बुश प्रशासन के आखिरी दिनों में भी इसे बंद किए जाने योजना बनाई गई थी। कई बार बराक ओबामा ने भी इसे बंद कर देने का वादा किया। लेकिन वे सफल नहीं हो सके। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि गुआंतानामो चालू रहेगा। यहां हर कैदी पर साल भर में 5 करोड़ रुपये खर्च किया जाता है। ग्वांतनामो बे जेल में सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि कैदियों को मानसिक रूप से भी यातनाएं दी जाती हैं। बाइडेन सरकार के आने के बाद अब इस जेल को बंद करने के लिए एक बार फिर कवायद शुरू हो गई है। राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन ने कहा था कि इसे बंद करने के लिए काम जारी है। परन्तु अब तक जमीन पर कुछ नहीं हो पाया है। इसलिए यह जेल एक बार फिर से चर्चाओं में है।