अमेरिका में सबसे बड़ी ईंधन कॉलोनियल पाइपलाइन पर साइबर हमला हुआ है। हमले के बाद अमेरिका में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हैकर्स ने कोरोना संकट का फायदा उठाया होगा। कोरोना के कारण पाइपलाइन में शामिल इंजीनियर घर से काम कर रहे हैं।
अमेरिका की औपनिवेशिक पाइपलाइन प्रति दिन 2.5 मिलियन बैरल तेल की आपूर्ति करती है। पाइपलाइन संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तट पर 45 प्रतिशत डीजल, गैस और जेट ईंधन की आपूर्ति करता है। 7 मई, शुक्रवार को हैकरों द्वारा एक साइबर हमले से पाइपलाइन प्रभावित हुई थी। तब से पाइपलाइन के माध्यम से ईंधन की आपूर्ति को बहाल करने का प्रयास किया गया है।
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आपातकाल की घोषणा के कारण अब सड़कों के माध्यम से ईंधन की आपूर्ति संभव होगी। इससे महत्वपूर्ण स्थानों पर ईंधन की आपूर्ति को बनाए रखा जा सकता है। आपातकाल की घोषणा से उन राज्यों को ईंधन के परिवहन की अनुमति मिलती है जहां ईंधन की आपूर्ति बाधित हो गई है। सड़कों को अलबामा, अर्कांसस, कोलंबिया, डेलावेयर, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, केंटकी, लुइसियाना, मैरीलैंड, मिसिसिपी, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया, दक्षिण कैरोलिना, टेनेसी, टेक्सास और वर्जीनिया को आपूर्ति की जाएगी।
रैंसमवेयर हमले के बाद रविवार को अमेरिका में गैस की कीमतें बढ़ीं। विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अगर पाइपलाइन को जल्द ही फिर से नहीं खोला गया तो कीमतें और बढ़ सकती हैं। तेल की कीमतें आज, सोमवार को एक फीसदी से ज्यादा बढ़ गईं। रैंसमवेयर हमले (Ransomware Attack) ने कथित तौर पर कंप्यूटर सिस्टम को हैक कर लिया और ऑपरेटरों से पैसे की मांग की।