सुपर पावर अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के एक महीने बाद ही सीरिया पर हवाई हमला करके जो बाइडेन ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि जो बाइडेन भी अब पूर्व राष्ट्पति डोनाल्ड ट्रम्प की रणनीति का अनुसरण करेंगे। शायद यही वजह है कि सीरिया पर अमेरिकी हमले से खाड़ी देश नाराज हो गए है। खाड़ी देशो ने कहा है कि जो बाइडेन और ट्रम्प दोनों की राजनीति एक समान है। दोनों ही एक जैसी निति अपना रहे है।
दो दिन पहले अमेरिका ने सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया के ठिकाने पर जोरदार हवाई हमला करके उसे तबाह कर दिया है। बताया जा रहा है कि मिलिशिया गुट ने इराक में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट हमला किया था। रॉकेट हमले में अमेरिकी सैनिक घायल हो गए थे और एक ठेकेदार की मौत हो गई थी।
जबकि सीरियाई टीवी का कहना है कि हवाई हमला इराक-सीरिया बॉर्डर पर कई स्थानों पर किया गया था। इलाके में मौजूद अस्पताल और दूसरे स्रोतों के हवाले से सीरिया की मीडिया ने हमले में 17 लोगों के मरने की पुष्टि की है।
उधर दूसरी तरफ अमेरिका ने हमले में मौत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।बाइडेन ने दो दिन पहले को अमेरिकी सेना को सीरिया के अंदर स्थित इराक समर्थित चरमपंथी गुटों पर हमले का आदेश दिया था। अमेरिका का कहना है कि बॉर्डर इलाके में सक्रिय ये चरमपंथी गुट इराक स्थित गठबंधन सेना पर हमला कर रहे हैं।
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका ने कई बार जवाबी सैन्य कार्रवाई की है। इराक में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट हमले ऐसे समय पर किए गए थे। यहां यह भी बताना जरूरी है कि जब वॉशिंगटन और तेहरान दोनों वर्ष 2015 में किए गए परमाणु समझौते को फिर से लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता तलाश रहे हैं।