हाल ही में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो द्वारा एक बड़ा बयान दिया गया है। माइक पोम्पियो ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका और तालिबान भविष्य में वार्ता बहाल कर सकते हैं। इससे पहले अफगानिस्तान में शांति और स्थायित्व के लिए कैंप डेविड में 8 सितम्बर को अमेरिका और तालिबानी नेताओं के साथ होने वाली गोपनीय बैठक को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रद्द कर दिया गया था। काबुल में पिछले सप्ताह हुई बमबारी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। इस हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत हो गई थी। साथ ही ट्रंप ने कहा था कि उन्हें 8 सितम्बर को ‘कैंप डेविड’ में दो पक्षों के साथ अलग-अलग वार्ता करनी थी, लेकिन तालिबान के लगातार हिंसात्मक कृत्यों ने उसे विश्वास ना करने योग्य बना दिया। हालांकि विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इस बात के संकेत दिए हैं कि अमेरिका और तालिबानी नेताओं के बीच बातचीत दोबारा हो सकती है।
पोम्पियो ने से कहा, “मैं निराशावादी नहीं हूं। मैंने तालिबान को वह कहते और करते देखा है जो उन्हें पहले करने की अनुमति नहीं थी। मैं उम्मीद करता हूं कि इस मामले पर तालिबान अपने बर्ताव में परिवर्तन लाएगा और उन बातों पर दोबारा प्रतिबद्धता जताएगा जिन पर हम कई महीनों से बात कर रहे थे। अंत में इसका समाधान कई चरण की बातचीत से ही होगा।” उन्होंने कहा कि वह तालिबान से अफगानिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार से बातचीत ना करने के हठ को छोड़ने की अपील भी करते हैं।