मानवाधिकार मामलों को लेकर दुनियाभर में अब चीन घिरता जा रहा है। कई देश अब चीन पर शिकंजा कसने के लिए एक साथ आ गए हैं। 23 मार्च, सोमवार को उइगर मुसलमानो के उत्पीड़न को लेकर यूरोपीय संघ ने चीन के चार अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिन अधिकारियों पर बैन लगाया गया है वह चीन के शिनजियांग प्रांत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में तैनात हैं। इन अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने तथा यूरोपीय संघ देशों की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसके साथ ही ब्रिटेन की सरकार, यूरोपीय संघ, कनाडा और अमेरिका की तरह, चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए सोमवार को चीनी सरकारी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने घोषणा की कि ‘सकल मानव अधिकारों के उल्लंघन के अपराधियों’ के खिलाफ प्रतिबंध अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ समन्वय के तहत उठाया गया यह एक कदम है।
पहली बार है कि यूरोपीय संघ के साथ ही ब्रिटेन ने भी चीन के चार सरकारी अधिकारियों और शिनजियांग के एक सुरक्षा निकाय पर यात्रा एवं वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं। राब ने कहा, ‘हम अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ समन्वय करते हुए मानवाधिकार उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।’
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चीन ने पहले शिनजियांग के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में उइगरों को बंदी बनाने के लिए शिविरों की उपस्थिति से इनकार किया था। चीन को इन शिविरों के प्रशिक्षण और कट्टरपंथी जिहादी सोच को उजागर करने वालों को फिर से शिक्षित करने का केंद्र कहा गया था। चीनी अधिकारी उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में मानवाधिकारों के हनन के सभी आरोपों से इनकार करते हैं। शिनजियांग सरकार विरोधी हिंसा का केंद्र था, लेकिन बीजिंग का दावा है कि इस समय सुरक्षा में भारी गिरावट आई है।