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संयुक्त राष्ट्र में खारिज हुआ अमेरिका का ईरान पर हथियार सीमा प्रतिबंध बढ़ाने का प्रस्ताव 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ईरान पर लगे हथियार प्रतिबंधों की अवधि अनिश्चितकाल तक बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते विवाद की खाई दिन प्रतिदिन चौड़ी होती जा रही है। पहले ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागी थी । फिर  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दे डाली थी । अमेरिका के लिए किसी देश पर दबाव बनाने के लिए यह एक अचूक हथियार रहा है।
अमेरिका अब तक दो दर्जन से ज्यादा देशों पर किसी न किसी तरह आर्थिक प्रतिबंध लगाता रहा है।कभी उत्तर कोरिया तो कभी सीरिया या इराक, व्हाइट हाउस आर्थिक प्रतिबंध लगाकर किसी देश को झुकने पर मजबूर करता रहा है। यह एक ऐसा हथियार है, जिसका इस्तेमाल वह 200 से भी ज्यादा साल से कर रहा है। इस अचूक हथियार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल मई तक अमेरिका 9967 आर्थिक प्रतिबंध लगा चुका है।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ईरान पर लगे हथियार प्रतिबंधों की अवधि अनिश्चितकाल तक बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। अमेरिका को केवल डोमिनिकन गणराज्य का ही समर्थन मिला। संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय परिषद में कल 14 अगस्त को दो देशों ने प्रस्ताव के समर्थन और दो देशों ने उसके खिलाफ मतदान किया, जबकि 11 देश अनुपस्थित रहे प्रस्ताव को पारित होने के लिए कम से कम नौ देशों के समर्थन की आवश्यकता होती है ।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मत परिणाम की जानकारी देने के लिए सुरक्षा परिषद की संक्षिप्त डिजिटल बैठक से पहले प्रस्ताव खारिज होने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध की अवधि बढ़ाए जाने का समर्थन करने वाले इजराइल और छह अरब खाड़ी देश ”जानते हैं कि यदि प्रतिबंधों की अवधि समाप्त हो जाती है, तो ईरान और अधिक अराजगता फैलाएगा तथा और विनाश करेगा, लेकिन सुरक्षा परिषद ने इस बात को नजरअंदाज करने का फैसला किया।

पोम्पिओ ने एक बयान में कहा, ”अमेरिका क्षेत्र में हमारे उन मित्रों को कभी नहीं छोड़ेगा, जिन्होंने सुरक्षा परिषद से अधिक की उम्मीद की थी। ”हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना जारी रखेंगे कि आतंकी शासन के पास यूरोप, पश्चिम एशिया और अन्य क्षेत्र में खतरा पैदा करने वाले हथियार खरीदने और बेचने की आजादी न हों।

इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने कई बार कहा है कि वह ईरान और छह बड़ी शक्तियों के बीच 2015 परमाणु समझौते का अनुमोदन करने वाले सुरक्षा परिषद प्रस्ताव में हथियार प्रतिबंध संबंधी उस प्रावधान को स्वीकार नहीं करेगा, जिसमें प्रतिबंध 18 अक्टूबर 2020 में समाप्त होने की बात की गई है। ट्रम्प प्रशासन 2018 में इस समझौते से बाहर आ गया था जबकि अन्य पांच पक्ष रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी अब भी इसका समर्थन करते हैं।

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