विश्व में स्थित इस्लामिक देश ने एक भव्य हिन्दू मंदिर का निर्माण कर विश्व को एकता का संकेत दिया है। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि एक अलग धार्मिक देश दूसरे धर्म को बढ़ावा देता हो, केवल भारत ही एक ऐसा देश है जहां सारे धर्मों समान अधिकार प्राप्त है। लेकिन अब इस्लामिक देश भी इस सभ्यता की सुंदरता को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसके चलते दुबई के जेबेल अली में हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया गया है। यह उद्घाटन 4 अक्टूबर 2022 को किया गया और अगले ही दिन इसमें श्रद्धालुओं को भी प्रवेश दे दिया गया है। स्थानीय मीडिया की तरफ से बताया गया कि देश के सह अस्तित्व मंत्री शेख नाहन बिन मुबारक अल नाहयान और यूएई में भारत के राजदूत सुंजय सुधीर इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए और मंदिर का उद्घाटन किया। यह मंदिर वैसे तो सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए है एक सितंबर को खुल गया था। लेकिन इसका औपचारिक उद्घाटन बुधवार को किया गया है। यह यूएई का पहला ऐसा मंदिर है जिसमे 16 अलग-अलग भगवानों को स्थापित किया गया है।
यूएई में भारतीय राजदूत सुंजय सुधरी ने कहा कि दुबई में यह मंदिर 16 हिंदू देवी-देवताओं के साथ गुरु ग्रंथ साहिब की भी पूजा का स्थल बनाया गया है। इसमें आप हिन्दू देवताओं के साथ-साथ गुरु नानक जी की भी पूजा कर सकेंगे। इस मंदिर में एलईडी कारीगरी के साथ-साथ और भी कई कारीगरी की गई हैं जो इसे बेहद खूबसूरत बनाती हैं। देखने में यह मंदिर सफ़ेद रंग के संगमरमर से बनी इमारत की तरह लगता है। इस मंदिर में एक मुख्य हॉल है जिसमे एक बड़ा सा 3डी प्रिंटेड गुलाबी कमल है जो पूरे गुंबद पर नजर आता है जो बेहद खूबसूरत लगता है। यह मंदिर ‘पूजा गांव’ के तौर पर मशहूर जेबेल अली में स्थित है। यह वह जगह है जहां पर कई चर्च और गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा स्थित है। मैनेजमेंट की तरफ से क्यूआर कोड आधारित अपॉइंटमेंट बुकिंग सिस्टम सक्रिय किया गया है। वेबसाइट के जरिए इस क्यूआर सिस्टम का प्रयोग कर मंदिर के दर्शन किए जा सकेंगे।
दुबई में करीब 64 साल पहले एक हिंदू मंदिर का निर्माण हुआ था। बुर दुबई में स्थित उस मंदिर में भगवान शिव और कृष्ण की स्थापना की गई थी, लेकिन हाल ही में बना यह मंदिर अब तक का सबसे विशाल मंदिर है। जेबेल अली में साल 2012 में एक भव्य गुरुद्वारा बनाया गया था। मंदिर के अधिकारियों की मानें तो यह मंदिर 70,000 स्क्वायर फीट में फैली दो मंजिला इमारत है। पहली मंजिल पर एक बड़ा सा प्रेयर हॉल है। इसके एक किनारे पर छोटे कमरे बने हैं जिसमें 16 भगवान स्थापित किये गए हैं। वहीं, भगवान ब्रह्मा के लिए एक अलग से कमरा है। पहली मंजिल पर 4,000 स्क्वायर फीट का एक हॉल है। इस हॉल में कई धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन हो सकेगा। इनमें श्रद्धांजलि सभा, शादी समारोह और दूसरे कार्यक्रम शामिल होंगे।
मंदिर में क्यूआर कोड लगने की वजह से एंट्री कुछ हद तक सीमित हो गई है। भीड़ को मैनेज करने और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए यह प्रक्रिया अपनाई गई है। 14 पंडित खास भारत से गए हैं और मंत्रोच्चार अलग-अलग जगहों से मंत्रोच्चार के लिए बुलाये गए हैं। उद्घाटन के लिए यूएई और भारत सरकार के सीनियर अधिकारी को बुलाया गया है। साथ ही कुछ राजनयिक और सामुदायिक लीडर्स को भी इसके लिए आमंत्रित किया गया था। मंदिर सुबह 6:30 बजे से लेकर रात आठ बजे तक खुला रहता है। दिलचस्प बात है कि अक्टूबर के अंत तक मंदिर में दर्शन करने के लिए अप्वाइंटमेंट्स फुल हो गए हैं। पांच अक्टूबर से जिन लोगों ने वेबसाइट के जरिए बुकिंग कराई है, उन्हें सीमित समय के लिए एंट्री मिल सकेगी। वर्तमान समय में दर्शन सिर्फ कुछ घंटों के लिए ही हैं। बुकिंग सिस्टम अक्टूबर के अंत तक रहेगा और इसके बाद श्रद्धालुओं को फ्री एंट्री मिलेगी। वो किसी भी समय आकर दर्शन कर सकते हैं। आगंतुकों से अनुरोध किया गया है कि वो मंदिर तक आने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें।