चीन की तमाम कोशिशों के बावजूद हागंकाग में फुल लोकतंत्र की मांग हागकांग सरकार और चीन के भारी दवाव बावजूद लगातार एक बड़े जनआंदोलन का रूप लेती जा रही है। ग्यारह महिने पहले हांगकांग सरकार द्वारा हागकांग के अपराधियो को चीन भेजने और वहां उनके मुकद्दमें की सुनावाई के लिए प्रत्र्यपण कानून में बदलाव के प्रयास को रोकने की मांग से शुरू हुआ आंदोलन अब हिंसक भी हो रहा है। हागकांग के नागरिकों द्वारा
इस प्रत्यपर्ण कानून के खिलाफ उग्र प्रर्दशन से बैकफुट पर आई सरकार ने हालांकि इस कानून को हाल फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है लेकिन अब आंदोलनकारी पफुल डेमोक्रेसी की मांग पर अड़ गए हैं। गत् एक माह से यहां के यूऐन लांग मेट्रो स्टेशन पर बड़ी तादात में आंदोलनकारी धरने पर बैठे हुए हैं। इस धरने की शुरूआत 21 जुलाई की घटना के विरोध् से शुरू हुई। 21, जुलाई को प्रत्यपर्ण कानून की घटना के विरोध् में उतरे प्रर्दशनकारियों पर अचानक ही नकाबपोश गैंग ने हमला बोल दिया। लगभग एक घंटे तक चले इस ताडंव पड़ प्रर्दशनकारी बुरी तरह जख्मी हो गए। हालांकि एक घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने 28 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जरूर लेकिन किसी के खिलाफ अभी तक चार्ज शीट दाखिल नहीं की है। सरकार और प्रर्दशनकारियों के बीच तभी से गतिरोध बना हुआ है। हागकांग सरकार ने मेट्रो स्टेशन पर बैठे इन आंदोलनकारियों को अब बल पूर्वक हटाने का निणर्य लिया है। इस बीच चीन अपने सशस्त्र बलों को लगातार हागकांग सीमा पर बढ़ा रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आशंका है कि चीन हागकांग के इस प्रो डेमोक्रेसी आंदोलन को कुचलने के लिए सैन्य कार्यवाही कर सकता है।
