एक तरफ अमेरिका में ट्रंप के जीत की ख़ुशी मनाई जा रही है वहीं यूक्रेन में ट्रंप की जीत से चिंता के बादल छाए हुए हैं। करीब तीन सालों से रूस यूक्रेन युद्ध जारी है। इस युद्ध में यूक्रेन अधिकतर विदेशी सैन्य सहायता पर निर्भर है, खास तौर से अमेरिका पर। लेकिन इस बार अमेरिका की सत्ता ट्रंप के हाथों में आने वाली है। माना जा रहा है कि सत्ता पाते ही ट्रंप रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन को मिलने वाली अमेरिकी सैन्य और आर्थिक सहायता में कटौती कर सकते हैं। दरसल ट्रंप ने कई बार इशारा किया है कि वह यूक्रेन को दी जाने वाले मदद को रोक देंगे। ट्रंप यूक्रेन पर दबाव बना सकते हैं कि वह रूस की शर्तों के अनुसार शांति प्रक्रिया अपनाए।
ट्रम्प ने अपने चुनावी अभियान के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को शानदार ‘सेल्समैन’ बताया था। ट्रम्प ने काई बार इस मुद्दे को उठाते हुए कहा है कि बाइडेन प्रशासन अमेरिकी नागरिकों के टैक्स का पैसा दूसरे देशों की सहायता में करने में कर रहा है। चुनाव जीतने से पहले ट्रंप ने दावा किया था वह रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द से जल्द खत्म कर देंगे । ऐसे में जेलेंस्की के लिए यह संकटपूर्ण हो सकता है, क्योंकि ट्रंप रूस के साथ समझौता करने के लिए दबाव डाल सकते हैं। अगर रूस और अमेरिका के संबंधों में सुधार होते हैं तो यूक्रेन को युद्ध विराम के लिए समझौता करना पड़ सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर हमला बोलते हुए कहा था कि जेलेंस्की शायद सबसे बेहतरीन सेल्समैन हैं। उन्होंने कहा था कि हर बार वह हमारे देश में आते हैं और साठ बिलियन डॉलर लेकर चले जाते हैं। उनके अनुसार यूक्रेन का यह लेनदेन कभी खत्म नहीं होगा। ट्रंप द्वारा दावा किया गया था कि चुनाव जीतने के बाद सत्ता हस्तांतरण से पहले ही इस मामले का वे हल निकाल लेंगे । उन्होंने चुनावी अभियान के दौरान कहा था कि वह 24 घंटे में रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवा सकते हैं। बाइडेन प्रशासन पर आरोप लगाते हुए ट्रंप ने कहा था कि युद्ध खत्म करने के लिए उन्होंने कोई प्रयास नहीं किया।
चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने रूस यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में कहा कि मैं युद्ध रोकने जा रहा हूं, अब कोई जंग नहीं होने देंगे। उनके इस ऐलान के कुछ देर बाद ही यूक्रेन द्वारा रूस में बड़ा कदम उठाया गया है । ट्रंप के इस भाषण के कुछ देर बाद ही यूक्रेन के आर्मी चीफ ने घोषणा करते हुआ कहा कि वो रूस के क्षेत्र से अपनी सेना को वापस बुलाएंगे। यूक्रेन के इस कदम को रूस से जंग खत्म करने के लिए पहला कदम के तौर पर देखा जा रहा है। यूक्रेन ने रूस के जिस क्षेत्र से सेना को वापस बुलाने फैसला किया है वो कुर्स्क है। यूक्रेन के मुताबिक कुर्स्क क्षेत्र में रूस ने तीन महीने में 20 हजार से अधिक कर्मियों को खो दिया है।
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