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चुनाव से पहले बढ़ी ट्रंप की मुश्किलें

अमेरिका में डोनाल्ड टं्रप एक बार फिर राष्ट्रपति के तौर पर पारी खेलने के सपने संजोये हुए हैं। इसके लिए वे हर संभव प्रयास भी कर रहे हैं। कुछ माह पहले तो यहां तक चर्चा हुई थी कि वे भारतीय प्रधानमंत्री का इस्तेमाल चुनाव जीतने में कर रहे हैं। अगले साल यानी 2020 में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने हैं। जिसको लेकर देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। लेकिन इस बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। उनके खिलाफ चल रहे महाभियोग की रिपोर्ट से राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है। ट्रंप शुरू से ही अपने बड़बोलेपन के चलते विवादों रहे हैं। इस रिपोर्ट के आने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत वाली अमेरिकी सदन की ज्युडिशियरी कमेटी ने ट्रंप के खिलाफ चल रही महाभियोग जांच की प्राथमिक रिपोर्ट जारी कर दी। इसमें ट्रंप को दोषी करार दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने अपने व्यक्तिगत और सियासी मकसदों को पूरा करने के लिए राष्ट्रहित से समझौता किया और अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने पक्ष में विदेशी मदद मांगी। दूसरी तरफ व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है। ज्युडिशियरी कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बिडेन और उनेके बेटे से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ अपने यहां जांच शुरू करने का ऐलान करने के प्रस्ताव दिए थे। इन प्रस्तावों में ट्रंप के दोबारा निर्वाचित होने के अभियान में मदद के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ व्हाइट हाउस में एक बैठक करने और सैन्य मदद देने का वादा किया गया था। 25 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच फोन पर वार्ता होने की भी पुष्टि की गई है। इसकी पुष्टि ट्रंप के चीफ ऑफ स्टाफ द्वारा किए जाने का जिक्र भी रिपोर्ट में है।

जांच की प्राथमिक रिपोर्ट में टं्रप के व्यवहार पर भी सवाल खड़े किए गए हैं कि उन्होंने अमेरिका की सुरक्षा और देश के लोकतंत्र को खतरे में डाला। अपनी रिपोर्ट को डेमोक्रेट ने दूसरी कमेटी के ऊपर छोड़ा है कि वह डोनाल्ड ट्रंप का महाभियोग चलाए या नहीं। न्यायिक समिति द्वारा जारी इस रिपोर्ट को व्हाइट हाउस ने सिरे से खारिज कर दिया है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि यह एकतरफा और झूठी कार्यवाही है।

ये है आरोप : रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपने संभावित प्रतिद्वंदियों की छवि को खराब करने के लिए गैर कानूनी ढंग से यूक्रेन की मदद ली थी। इस रिपोर्ट पर सदन की न्यायिक समिति सुनवाई करेगी। सुनवाई में इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि क्या जांच में राजद्रोह, घूस व अन्य अपराध करने के जो आरोप लगाए गए हैं, उनके आधार पर संवैधानिक रूप से महाभियोग चलाया जा सकता है।

अब अमेरिकी नेता के खिलाफ औपचारिक आरोपों का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसमें सत्ता का दुरुपयोग, रिश्वत और बाधा जैसे आरोप भी शामिल हैं। सदन की खुफिया समिति के अध्यक्ष एडम शिफ ने कहा कि तेजी से इस पर आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रंप के गलत कार्यों के साक्ष्य ‘‘जबर्दस्त’’ हैं। शिफ ने एमएसएनबीसी से कहा, ‘‘हम महसूस करते हैं कि इसे त्वरित किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने अब तक अमेरिकी चुनावों में दो बार विदेशी दखल चाही और हमारे महाभियोग जांच के बीच में फिर से सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं कि न केवल यूक्रेन को ऐसा करना चाहिए, बल्कि चीन को भी मेरे विपक्षियों की जांच करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह आगामी चुनाव में ईमानदारी के लिए खतरा है और हमें नहीं लगता कि इसके लिए इंतजार करना चाहिए, खास तौर पर जब हमारे पास राष्ट्रपति के व्यवहार को लेकर जबर्दस्त साक्ष्य मौजूद हैं।’’ इस दौरान ट्रंप ने लंदन में नाटो के शिखर सम्मेलन में एक बार फिर डेमोक्रेट पर आरोप लगाया कि वे महाभियोग को लेकर राजनीतिक खेल कर रहे हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वकील ने कहा कि व्हाइट हाउस महाभियोग पर होने वाली कांग्रेस की सुनवाई में भाग नहीं लेगा जिसमें राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग के कानूनी आयामों पर विचार किया जाएगा। व्हाइट हाउस की वकील पैट सिपोलोन ने प्रतिनिधि सभा में न्यायिक समिति के डेमोक्रेटिक अध्यक्ष जेरी नैडलर को एक पत्र लिखकर कहा, हमसे सुनवाई में भाग लेने की उम्मीद नहीं की जा सकती जबकि अभी तक गवाहों के नाम नहीं बताए गए हैं और अभी यह अस्पष्ट है कि क्या न्यायिक समिति अतिरिक्त सुनवाई के जरिए निष्पक्ष प्रक्रिया का पालन करेगी। तीन सौ पन्नों की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी इतिहास में ट्रंप को छोड़कर किसी भी राष्ट्रपति ने एक्जीक्यूटिव अधिकारियों को संसद के सामने गवाही नहीं देने का सीधा आदेश नहीं दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने संसदीय गवाहों को सार्वजनिक रूप से धमकी दी, जो संघीय अपराध है। ट्रंप पर महाभियोग जांच को बाधित करने के प्रयास का आरोप भी लगाया गया है।

ट्रंप ने 27 नवंबर को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, महाभियोग जांच मुझे जबरन निशाना बनाकर की जा रही है, इसकी मैं आलोचना करता हूं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से संपर्क को लेकर ट्रंप ने कहा, उनसे बेहतरीन बातचीत हुई थी। डेमोक्रेट नेता देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। वे (डेमोक्रेट्स) महाभियोग के जरिए निशाना बना रहे हैं और काफी बुरी चीजें उनके साथ हो रही हैं। आप देख रहे हैं कि चुनाव में क्या हो रहा है? हर कोई कह रहा है कि यह बकवास है।

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