अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की सत्ता में वापसी के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि उनके आने से न केवल अमेरिका, बल्कि दुनिया के अन्य मुल्कों में भी प्रभाव देखने को मिल सकता है जिनका असर अब धरातल पर दिखने भी लगा है
जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था, डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनते ही अमेरिका के स्वर्णिम युग की शुरुआत का आगाज करते हुए यह स्पष्ट संकेत दे डाले हैं कि अब अमेरिका अपने हितों को सर्वोपरि रखेगा और दुनिया के युद्धों में खुद को उलझाने से बचेगा। अपने जोशीले भाषण में उन्होंने अमेरिका हित से जुड़े कई मुद्दों पर बात कही तो कई बड़े फैसले भी लिए हैं। डब्ल्यूएचओ से अलग हुआ अमेरिका अमेरिका के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से हटने से जुड़े कार्यकारी आदेश पर भी ट्रम्प ने हस्ताक्षर किए हैं। ट्रम्प ने कहा कि ये एक बड़ा फैसला है। ये दूसरी बार है जब ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ से हटने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि ट्रम्प कोरोना महामारी से निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ के उठाए कदमों की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने इस महामारी के दौरान ही डब्ल्यूएचओ से हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। हालांकि बाद में जो बाइडन ने राष्ट्रपति बनते ही ये आदेश पलट दिया था।
जलवायु और ऊर्जा से किया किनारा
ट्रम्प ने बढ़ते वैश्विक तापमान से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए अहम पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के अलग होने वाले आदेश पर भी हस्ताक्षर कर दिए हैं। शपथ लेने के बाद जिन दस्तावेजों पर ट्रम्प ने सबसे पहले हस्ताक्षर किए ये उनमें से एक है। हालांकि इससे पहले साल 2017 में भी ट्रम्प शासन में ही अमेरिका पेरिस समझौते से अलग हुआ था। लेकिन 2021 में जो बाइडन ने ये फैसला पलट दिया था और अमेरिका फिर से इस समझौते में शामिल हो गया था। अब इस समझौते से बाहर होने के साथ ही ट्रम्प ने एक चिट्ठी पर भी साइन किए हैं जो संयुक्त राष्ट्र को भेजी जाएगी। इसमें अमेरिका के समझौते से हटने के पीछे की वजह विस्तार से बताई गई हैं।
कैपिटल हिल हिंसा के आरोपियों की सजा हुई माफ
राष्ट्रपति बनते ही ट्रम्प ने छह जनवरी 2021 को हुई कैपिटल हिल हिंसा के आरोप में गिरफ्तार हुए अपने करीब 1500 समर्थकों की सजा माफ कर दी है। ट्रम्प इस मामले में गिरफ्तार हुए लोगों को कई मौकों पर ‘बंधक’ बताते रहे हैं। जिन लोगों की सजा माफ हुई है उनमें धुर-दक्षिणपंथी समूह ओथ कीपर्स और प्राउड बॉयज के सदस्य भी हैं। इनके सदस्य कैपिटल हिंसा से जुड़े केस में देशद्रोह की साजिश जैसे मामलों के दोषी करार दे दिए गए थे।
अमेरिका से निष्कासित होंगे हजारों भारतीय
अमेरिका में रह रहे करीब 18 हजार से ज्यादा अवैध प्रवासी वापस भारत भेजे जाएंगे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इनके पास अमेरिकी नागरिकता हासिल करने के लिए सही दस्तावेज नहीं हैं। भारत सरकार इनकी पहचान करने और वापस लाने के लिए ट्रम्प प्रशासन के साथ काम करेगी। भारत नहीं चाहता कि अवैध नागरिकों के मुद्दे का एच-1 बी और स्टूडेंट वीजा पर असर पड़े।
समाप्त होगी जन्मसिद्ध नागरिकता
अमेरिकी संविधान में हुए 14वें संशोधन के मुताबिक जो बच्चा वहां की धरती पर पैदा होता है, वो खुद ब खुद अमेरिकी नागरिक बन जाता है। बढ़ी तादाद में माता-पिता अपने बच्चों को जन्म देने के लिए अमेरिका में प्रवास कर रहे हैं। इसे बर्थ टूरिजम कहा जाता है। लेकिन अब दूसरी बार राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने का फैसला लिया है। इसके लिए अमेरिकी आव्रजन नीति में बड़ा बदलाव किया जाएगा। इसका असर अमेरिका में मौजूद लाखों बच्चों की नागरिकता पर पड़ेगा, जिनका जन्म भले ही अमेरिका में हुआ है, लेकिन उनके माता-पिता वर्क वीजा पर वहां हैं। आदेश में कहा गया है कि अमेरिका में जन्में उन्हीं बच्चों को अमेरिका की नागरिकता दी जाएगी जिनके माता-पिता से कोई एक अमेरिकी नागरिक हों या उनमें से किसी के पास ग्रीन कार्ड हो।
मैक्सिको की सीमा पर फिर बनेगी दीवार
अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर आपातकाल के ऐलान के तहत ट्रम्प ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ‘दक्षिणी सीमा पर अतिरिक्त बैरियर के निर्माण’ के लिए दोबारा प्रयास शुरू कर दें। ट्रम्प जब साल 2016 में पहली बार राष्ट्रपति बने थे, उन्होंने मैक्सिको की सीमा पर एक दीवार बनाने का आदेश दिया था। इस बैरियर का थोड़ा हिस्सा बन भी गया था लेकिन अधिकांश हिस्से का निर्माण अधूरा रह गया था।
अमेरिका-मैक्सिको सम्बंधों पर असर
ट्रम्प ने हमेशा बॉर्डर सिक्योरिटी को अपनी प्राथमिकता में रखा है। इस सम्बंध में अब उन्होंने मैक्सिको बॉर्डर पर और अधिक सैनिकों को तुरंत भेजने का आदेश दिया है। यह कदम अवैध घुसपैठ और प्रवासियों के मुद्दों से निपटने के लिए उठाया गया है। इस फैसले से अमेरिका और मैक्सिको के बीच पहले से तनावपूर्ण सम्बंध और बिगड़ सकते हैं। ट्रम्प प्रशासन की सीमा सुरक्षा उपायों को लेकर मैक्सिको ने कई बार असहमति जताई है। मैक्सिको सरकार ने इसे एकतरफा फैसला बताया है।
ब्रिक्स देशों को दी धमकी
ट्रम्प ने राष्ट्रपति की शपथ लेने के बाद ब्रिक्स समूह को चेतावनी दे डाली है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल करना चाहिए वर्ना उन्हें भारी शुल्क का सामना करना पड़ेगा। ‘अगर ब्रिक्स देश अपनी मुद्रा लाने या डॉलर को हटाने की कोशिश करते हैं तो हम उनके व्यापार पर 100 फीसदी शुल्क लगाएंगे।’ ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।
समझौता कर जल्द युद्ध रोके रूस
राष्ट्रपति ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि रूस यूक्रेन के खिलाफ तीन साल से चल रहे युद्ध को समाप्त कर देना चाहिए। इस जंग में हर रोज मासूम और निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। इसलिए जल्द ही मेरा उनसे मिलना जरूरी है। अगर वे किसी समझौते पर नहीं पहुंचता है तो हम रूस पर प्रतिबंध और अधिक कड़े कर आयात पर शुल्क भी बढ़ा देंगे।
ट्रम्प के निशाने पर चीन
अमेरीकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रम्प के निशाने पर सबसे आगे चीन दिखा। ट्रम्प ने चीन को बड़ा झटका देते हुए शर्तें नहीं मानने पर टैरिफ लगाने की चेतावनी दे डाली है। उन्होंने टिकटॉक के बहाने टैरिफ की शर्त रखी है। चीन से हम कम चार्ज करते हैं, चीन पर हम भारी टैरिफ लगा सकते हैं।
कनाडा पर फूट सकता है टैरिफ बम
ट्रम्प के रडार पर कनाडा भी है। अमेरिका की तरक्की के लिए सबसे पहले कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही।
चार देशों से इमिग्रेशन पर लगाई रोक
राष्ट्रपति पद सम्भालते ही ट्रम्प ने बाइडन प्रशासन की उस नीति को खत्म करने का ऐलान किया जो चार संकटग्रस्त देशों के प्रवासियों को अमेरिका में अस्थायी रूप से रहने की अनुमति देती थी। मानवीय पैरोल के नाम से जानी जाने वाली इमिग्रेशन नीति को बाइडन प्रशासन ने 2023 की शुरुआत में लागू किया था। इसके तहत क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के प्रवासियों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति दी गई थी, बशर्ते कि उनके पास एक वित्तीय प्रायोजक हो और वे सुरक्षा जांच पास कर चुके हों। इस नीति के तहत अमेरिका में प्रवेश करने वाले प्रवासी दो साल तक रह सकते थे। पिछले साल के अंत तक, इस पहल के माध्यम से 5 लाख से अधिक प्रवासी अमेरिका में प्रवेश कर चुके थे। लेकिन अब ट्रम्प ने इस नीति को समाप्त करने का आदेश दिया है।