मुंबई हमलों के मास्टरमांड  हाफिज सईद को पाकिस्‍तान ने ऐसे समय में गिरफ्तार किया है जब पकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जल्द ही अमेरिका का दौरा करने वाले हैं, जहां वाशिंगटन में उनकी मुलाकात ट्रंप से भी होगी।दरअसल आतंकी गतिविधियों और आतंकी  वित्त्य पोषण पर लगाम नहीं लगा पाने के कारण पकिस्तान पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स  (एफएटीएफ ) से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। अगर ऐसा होता है तो  पहले से ही खस्ताहाल पकिस्तान  की अर्थव्यस्था और चरमरा सकती है। ऐसे में साफ है कि इमरान सरकार अंतरराष्ट्रीय  समुदाय को यह यकीन दिलाने की कोशिश कर रही है कि वह आतंकवाद के मसले पर सख्त है और इस दिशा में कदम भी उठा रही है।हाफिज की गिरफ्तारी यूं तो भारत के लिए बड़ी बात हो सकती थी, पर पकिस्तान  की ओर से की जाने वाली ये कार्रवाइयां दुनिया की आंखों में धूल झोंकने वाली साबित होती रही हैं।

हाफिज सईद को उसे उस वक्त  हिरासत में लिया गया, जब वह पाकिस्तान के गुजरांवाला में जमानत के लिए आतंकवाद विरोधी अदालत जा रहा था। और ऐसे में इसमें कुछ भी नया नहीं नजर आ रहा। कई मौके आए हैं जब हाफिज जैसे आतंकियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई और उन्हें हिरासत में भी लिया गया, पर ये कार्रवाइयां महज दिखावा साबित हुईं और ये आतंकी पाकिस्तान की   धरती से भारत विरोधी गतिव‍िधियों की साजिश करते रहे।

इमरान सरकार अंतरराष्ट्रीय  समुदाय को यह यकीन दिलाने की कोशिश कर रही है कि वह आतंकवाद के मसले पर सख्त है और इस दिशा में कदम भी उठा रही है।हाफिज की गिरफ्तारी यूं तो भारत के लिए बड़ी बात हो सकती थी, पर पकिस्तान  की ओर से की जाने वाली ये कार्रवाइयां दुनिया की आंखों में धूल झोंकने वाली साबित होती रही हैं।

 

अब पाकिस्तान  ने एक बार फिर मुंबई हमलों के मास्टरमांइंड जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद और उसके सहयोगियों पर कार्रवाई की है, जिसे भारत पहले ही ‘मूर्ख बनाने वाला’ और अंतरराष्ट्रीय  समुदाय की आंखों में धूल झोंकने वाला करार दे चुका है। इन सबके बीच हाफ‍िज की एक बार फिर से हुई गिरफ्तारी पर अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप का जो दावा आया है, वह चौंकाने वाला है। हाफि‍ज की गिरफ्तारी के बाद ट्रंप ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने  कहा कि दस वर्षों की खोज के बाद मुंबई आतंकी हमले के ‘तथाकथित मास्टरमांइड को पाकिस्तान  में गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही यह भी कहा कि हाफिज को ढूंढ़ने के लिए पिछले दो वर्षों से काफी दबाव बनाया गया था।

ट्रंप का यह दावा न केवल भारत में, बल्कि हाफिज और पकिस्तान में   उसकी स्थिति की जानकारी रखने वाले हर किसी को अजीबोगरीब लगा, क्योकि यह बात सबको मालूम है कि हाफिज पाकिस्तान में किस तरह खुली छूट के साथ घूमता रहता है और रैलियां आयोजित कर भारत विरोधी बातें करता है। ट्रंप का यह दावा अमेरिकी कांग्रेस के  सदन प्रतिनिधि सभा की एक समिति के भी गले नहीं उतरा, जिसने ट्वीट कर राष्‍ट्रपति ट्रंप को एहसास कराने की कोशिश की कि हाफिज सईद पर उनकी जानकारी कितनी गलत है। प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति ने ट्वीट कर न केवल ट्रंप की बातों का खंडन किया, बल्कि यह भी बताया कि हाफिज को पकिस्तान में ढूंढा नहीं जा रहा था, बल्कि वह वहां खुली छूट के साथ रह रहा था।

समिति ने अपने ट्वीट में ट्रंप को कहा, ‘आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान  पिछले दस वर्षों से उसे हाफिज को  ढूंढ नहीं रहा था, बल्कि वह वहां खुली छूट के साथ रह रहा था। उसे इससे पहले दिसंबर 2001, मई 2002, अक्‍टूबर 2002, अगस्‍त 2006 में दो बार, दिसंबर 2008, सितंबर 2009, जनवरी 2017 में भी गिरफ्तार किया गया था।

हाफिज की  गिरफ्तारी लाहौर स्थित आतंकवाद विरोधी अदालत द्वारा उसे और उसके तीन सहयोगियों को 50-50 हजार पाकिस्तानी  रुपये के मुचलके पर 31 अगस्त तक के लिए अंतरिम जमानत दिए जाने के दो दिन बाद हुई है। पकिस्तान  में हाफिज सहित प्रतिबंधित आतंकी संगठन से जुड़े 13 लोगों के खिलाफ 3 जुलाई को आतंकी वित्‍त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 25 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। पाकिस्तान  की इन कार्रवाइयों को प्रधानमंत्री इमरान खान के अमेरिका दौरे से जोड़कर देखा जार हा है।

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