इस साल नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इन चुनावों को आयोजित होने में चार माह अभी भी बाकी है लेकिन चुनावो से पहले ही यहाँ सियासत गरमाने लगी है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। ट्रंप के एक सहयोगी की किताब में हुए खुलासों से अमेरिका में हड़कंप सा मच गया है। इन खुलासों के पश्चात अब ट्रंप प्रशासन इस किताब को प्रकाशित होने से रोकना चाहता है। यह किताब 23 जून को प्रकाशित होनी है, परन्तु इस किताब के प्रकाशित होने से पूर्व ही इसके कुछ अंश को अमेरिका के प्रमुख समाचार पत्र छाप चुके है।
डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सहयोगी और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने ट्रम्प पर एक किताब लिखी है, इस किताब का नाम ‘द रूम व्हेयर इट हैपन्ड’ है। किताब के अनुसार ट्रंप ने पिछले साल जून में G-20 समिट के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भेंट की थी। इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने वहां पर चुनाव को लेकर बातचीत शुरू कर दी थी। जिसे देख जॉन बोल्टन एकदम हैरान रह गए थे।
किताब के मुताबिक डोनाल्ड ट्रम्प ने जिनपिंग से कहा कि चीन की आर्थिक क्षमता ऐसी है, जो अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को भी प्रभावित कर सकती है। साथ ही अपनी जीत के लिए ट्रंप ने जिनपिंग से मदद भी मांगी थी। बोल्टन के अनुसार बातचीत के समय ट्रंप ने किसानों के मुद्दे पर भी जोर दिया था। ट्रम्प ने कहा कि यदि चीन सोयाबीन और गेहूं खरीदेगा तो इसका असर चुनाव पर भी पड़ सकता है। साथ ही ट्रंप ने दोनों देशों के मध्य चल रहे ट्रेड वॉर को खत्म करने की भी पेशकश की।
जॉन द्वारा लिखी गई इस किताब में ट्रंप के महाभियोग से जुड़ी बहुत सी अहम जानकारियां हैं। तो वहीं किताब के कुछ अंश समाचार पत्रों में छपने से अमेरिका के राजनीतिक गलियारों में खलबली सी मच गई है। अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के अनुसार किताब में बहुत सी ‘गोपनीय सूचनाएं’ भी हैं। जिसकी वजह से इसे प्रकाशित होने से रोक लगनी चाहिए।