साल २०१८ के मुकाबले अमेरिका द्वारा इस साल अभी तक लगभग ५० प्रतिशत से ज्यादा भारतीय लोगो को देश से निष्कासित कर दिया गया है।अमेरिकी सरकार द्वारा इस साल के शुरुआती ६ महीने के अंदर करीब ५५० भारतीयों को अमेरिका में गैरकानूनी रूप से रहने का हवाला देते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। सूत्रों की माने तो पिछले साल की संख्या से अब की संख्या दुगनी है। ये वे भारतीय है जो बगैर नियमित वीजा के अमेरिका में बेहतर भविष्य की कल्पना से जा फंसे है। लोग आसान रास्ता चुनने के चक्कर में फँस खुद को खतरे में डाल लेते है और गैरकानूनी ढंग से दूसरे देशो में प्रवेश कर लेते है। गृह मंत्रालय द्वारा बताया गया की ३५० अन्य भारतीयों को अमेरिका के निष्कासन गृह में रखा गया है जो अपनी अमानवीय स्थिति के कारण निशाने पर है। इनकी तुलना नाज़ी शिविरों से भी की जा रही है।
ट्रम्प सरकार के द्वारा वीज़ा कानूनों में कड़े बदलाव करना भी गैरकानूनी रूप से रह रहे भारतीयों को निकलने की संख्या में बढ़ोतरी का एक अहम् कारण है। बीबीसी के मुताबिक ट्रम्प की सरकार द्वारा जल्द ही एक नयी निष्कासन प्रक्रिया को अमल में लाने जा रही है जिससे इमिग्रेशन कोर्ट की भूमिका ख़त्म हो सके। रिपोर्ट के अनुसार जो लोग दो साल से अधिक समय से रहने का प्रमाण नहीं दे पाएंगे उन्ही लोगो को नए कानून के मुताबिक देश से निकाल दिया जायेगा। अब सिर्फ उन लोगो को बाहर निकाला जा रहा है जो सीमा के पास दो हफ्ते से काम समय से रह रहे थे।